पटना एम्स में नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल हुई समाप्त, सारे स्टाफ काम पर लौटे
समान काम-समान वेतन देना संभव नहीं
हड़ताल समाप्त कर काम पर वापस आते ही अस्पताल की लौटी रौनक

फुलवारी शरीफ। पटना एम्स के हड़ताली नर्सिंग स्टाफ काम पर लौट आए हैं। पटना एम्स के हड़ताली नर्सिंग स्टाफ काम पर लौट तो अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी पर आ गयी और पूरा एम्स एक बार फिर से कोविड की लड़ाई में एकजुट हो गया। हड़ताल समाप्त कर नर्सिंग स्टाफ के काम पर वापस आते ही एम्स अस्पताल की खोयी रौनक लौट गयी है और अस्पताल के हर विभाग में चहल पहल दिख रही है। नर्सिंग स्टाफ के काम पर वापस लौटा देख बेड पर रहे मरीजों के चेहरे भी खिल उठे और एक बार फिर से कोरोना की लड़ाई में सभी अपनी भागीदारी निभाने लगे। एम्स निदेशक डॉ. पीके सिंह, एम्स अस्पताल अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने एम्स के लगभग तमाम विभागों में घूम-घूम कर स्वास्थ्य व्यवस्था का जायजा लिया।
वहीं नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से चेतावनी पत्र जारी किया गया, जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि काम पर लौट जाए वरना उनका रजिस्ट्रेशन तक कैंसल कर दी जाएगी। इसके बाद भी हड़ताली स्टाफ काम पर नहीं लौटे। हड़ताली स्टाफ के अड़े रहने के बाद एम्स प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक को इनके मांग की सूची भेजी गयी। जिसकी जानकारी देते हुए पटना एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि भेजी गयी सूची में चार मांग को मान लिया गया है। एम्स निदेशक ने कहा कि हड़ताल के दौरान जिन्हें हटाने का फैसला लिया गया था, उन्हें वापस काम पर ले लेंगे। इसके बाद सभी हड़ताली स्टाफ अपने-अपने काम पर वापस लौट गये।
वहीं एम्स अस्पताल अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि कॉन्ट्रेक्ट पर कंपनी के जरिये बहाल किये गये नर्सिंग स्टाफ की सेवा स्थायी करने और समान काम के लिए समान वेतन की मांग नहीं मानी जा सकती है। उनकी सैलरी जो सरकार के गाइडलाइन के अनुसार बढती है, उसे बढ़ाया जाता रहेगा। हड़ताल समाप्ति के लिए कोई दवाब या उनकी गैर वाजिब मांगों को मानने के संबंध में कोई आश्वासन भी नहीं दिया गया है। जिन्हें काम से हटाया गया था, उनके बारे में निर्णय लेने के लिए एम्स निदेशक विचार कर रहे हैं।

