पटना एम्स में ओपीडी सेवा पूर्ण रूप से बंद, पुराने मरीजों का भी नहीं होगा रजिस्ट्रेशन

फुलवारी शरीफ। कोरोना के संदिग्ध मरीजों की बढती संख्या को देखते हुए चिंतित पटना एम्स प्रशासन ने एम्स में सभी ओपीडी सेवाओं की व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है। ओपीडी सेवा पूर्ण रूप से बंद कर दिए जाने के बाद अब पुराने मरीजों का भी रजिस्ट्रेशन ओपीडी में नही होगा और न ही उन्हें कोई चिकित्सक देखेंगे। वहीं एक अलग वार्ड की व्यवस्था की गई है जहां सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों को रखा जा रहा है। यह व्यवस्था कोरोना वायरस के मद्देनजर रखा गया है। पटना एम्स के निदेशक पीके सिंह ने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए और पीएम मोदी के आदेश का पालन करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
वहीं एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि एम्स पटना में सभी तरह की ओपीडी सेवाएं व रोगी पंजीकरण बंद कर दिए जाएं। उन्होंने बताया कि अब ओपीडी सेवाओं को अगले आदेश तक पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक पटना एम्स में आज करीब 29 संदिग्ध कोरोना मरीजो को आइसोलेट करने के लिए एडमिट किया गया है। इनमें पटना के कुर्जी इलाके में छिप कर रह रहे दर्जन भर से अधिक विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। वहीं कोरोना से हुई मुंगेर निवासी सैफ अली की मौत के बाद एम्स में उसके इलाज में लगी नर्सिंग स्टाफ को भी कोरोना होने के संदेह में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर निगरानी की जा रही है। एम्स के चिकित्सक आइसोलेशन वार्ड में बढ़ती कोरोना संदिग्ध मरीजों पर हर पल बदलती गतिविधियों पर नज रख इलाज कर रहे हैं।

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