CM नीतीश ने दी डीजीपी को नसीहत : सिर्फ भाषण से काम नहीं चलेगा, क्रियान्वित भी कीजिए

पटना। चार-पांच दिन पूर्व बिहार के औरंगाबाद में डीजीपी गुप्तेश्वर के बयान पर मचे सियासी घमासान के बाद मुख्यमंत्री नीतीश ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी। बिहार में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी को नसीहत तक दे डाली और लगे हाथ शराब की होम डिलीवरी को लेकर विपक्ष पर तंज भी कसा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पटना के एसके मेमोरियल हॉल में आयोजित एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम में कहा कि शराबबंदी को लेकर होम डिलीवरी की बात वही करते हैं जो शराब पीने के चक्कर में रहते हैं। इसे लेकर वैसे ही लोग आरोप लगाते रहते हैं। इसके साथ ही शराबबंदी को लेकर उन्होंने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को नसीहत दे दी। कहा कि बिहार में शराबबंदी को अच्छे तरीके से लागू भी कराएं।
दरअसल, मुख्यमंत्री के पहले डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शराब का धंधा करने वाले किसी को छोड़ेंगे नहीं। पूरे बिहार में शराबबंदी कड़ाई से लागू है। इसी पर मुख्यमंत्री ने डीजीपी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि भाषण तो बहुत अच्छा दिया, लेकिन सिर्फ भाषण से काम नहीं चलेगा, भाषण को क्रियान्वित भी कीजिए। मुख्यमंत्री ने बिहार में पुलिस स्मारक बनाने की बात भी कही है। कार्यक्रम में मंत्री श्याम रजक, देवेशचंद्र ठाकुर के अलावा अन्य कई नेता व पदाधिकारी शामिल थे।
बता दें चार-पांच दिन पहले डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने औरंगाबाद में कहा था कि थाना के संरक्षण के बिना कोई शराब नहीं बेच सकता है। फिर क्या था विपक्ष ऐसे मुद्दों के लिए तैयार बैठा था। देखते-देखते डीजीपी का बयान सियासी मुद्दा बन गया। विपक्ष डीजीपी को आधार बनाकर नीतीश सरकार पर ताबड़तोड़ हमला करना शुरू कर दिया। विपक्ष की ओर से बार-बार आरोप लगाया जा रहा था कि बिहार में शराब की ‘होम डिलीवरी’ ही नहीं ‘बेड डिलीवरी’ भी हो रही है। इसी को लेकर मुख्यमंत्री ने विपक्ष को निशाने पर लिया।

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