निर्भया कांड : दोषी अक्षय का शव लेकर एंबुलेंस से बिहार रवाना हुई पत्नी, गांव में मातमी सन्नाटा
औरंगाबाद। शुक्रवार की सुबह दिल्ली की तिहाड़ जेल में निर्भया कांड के चार दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के बाद दोषी अक्षय के बिहार के औरंगाबाद स्थित करमा लहंग गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। वहां चूल्हे भी नहीं जले। अब गांव के लोग शव का इंतजार कर रहे हैं। अक्षय का अंतिम संस्कार गांव में ही किया जाएगा। शनिवार की सुबह तक औरंगाबाद के पैतृक गांव पहुंचने की उम्मीद है।


बताया जाता है कि फांसी के बाद अक्षय ठाकुर के शव का पोस्टमार्टम कराकर दोपहर बाद शाम परिजनों को सौंप दिया गया। अक्षय की पत्नी पुनीता देवी व अन्य स्वजन शव लेकर पैतृक गांव औरंगाबाद के लिए निकल चुके हैं। अक्षय के पिता सरयू सिंह के रिश्तेदार प्रभु सिंह ने बताया कि शव एंबुलेंस से लाया जा रहा है। ग्रामीण अक्षय के शव का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अंतिम संस्कार गांव में ही किया जाएगा।
बता दें बीते 16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में एक फिजियोथिरेपिस्ट युवती निर्भया (काल्पनिक नाम) के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। घटना के दौरान उसके साथ जबरदस्त दरिंदगी भी की गई थी। इसे निर्भया नहीं झेल पायी। इलाज के दौरान सिंगापुर में उसकी मौत हो गई। घटना के बाद लोगों का जबरदस्त जनाक्रोश फूट पड़ा था। पुलिस ने कांड के छह आरोपितों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक नाबालिग कुछ सालों की सजा काटकर छूट गया तो एक आरोपित ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली। दोषी पाए गए शेष चार को शुक्रवार की सुबह फांसी की सजा दे दी गई। इनमें औरंगाबाद का मूल निवासी अक्षय ठाकुर भी शामिल था।

