BIHAR : नक्सलियों ने पर्चा चिपका कर भाजपा नेता से मांगी 20 लाख की लेवी, नहीं देने पर सुनाया मौत का फरमान

अरवल। बिहार के अरवल से बड़ी खबर सामने आयी है। नक्सलियों ने बीजेपी नेता से 20 लाख की लेवी देने अन्यथा जान से मारने की धमकी देकर सनसनी मचा दी है। नक्सलियों ने अरवल में बीजेपी के किसान प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष व तेलपा थाना क्षेत्र के बम्भई गांव के निवासी दीपक शर्मा से पर्चा चिपकाकर 20 लाख रुपये की लेवी मांगी है और रुपये नहीं देने पर तीन माह के अंदर मौत की सजा देने का फरमान भी सुनाया है। यह पर्चा अरवल जिले के मेंहदिया थाना क्षेत्र के उसरी बाजार में चार जगहों पर चिपकाकर सनसनी मचा दी है। उसरी बाजार बम्भई गांव के पड़ोस का गांव है।
नक्सलियों में पर्चे में लिखा है कि भाजपा प्रत्याशी दीपक शर्मा को सूचित किया जाता है कि झूठे लोकतंत्र का भंडाफोड़ करो और सच्चे लोकतंत्र के लिए भाकपा माओवादी के नेतृत्व में पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए 20 लाख रुपये की सहयोग राशि दो। सहयोग राशि देने का पता फोन पर बताया जाएगा। यदि राशि देने में गद्दारी की तो तीन महीने के अंदर मौत की सजा दी जाएगी। इस पत्र के बाद जिले में सनसनी मच गई है। वहीं परिवारवाले सुरक्षा को लेकर सहमे हुए है। इधर, मामला सामने आने के बाद पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
इस संबंध में भाजपा नेता दीपक शर्मा ने बताया कि उन्हें सुबह फोन पर उनके परिचित ने उनके नाम पर पर्चा चिपकाकर 20 लाख रुपये मांगने की जानकारी दी। उन्होंने पुलिस के बड़े अधिकारियों से इस संबंध में शिकायत की है। मेंहदिया पुलिस थाना में एफआइआर भी दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि वे किसान आंदोलन के विरुद्ध सक्रिय रहे हैं। कृषि कानूनों के समर्थन में लगातार किसानों को जागरूक करते रहे। वे हमेशा से कहते रहे हैं कि माओवादियों ने अरवल की फसल और नस्ल दोनों बर्बाद की है। इन कारणों से ही नक्सलियों ने उन्हें निशाने पर लिया है। मगर उनके डर से मैं राजनीति नहीं छोड़ सकता। हालांकि भाजपा नेता के परिवारवाले उनकी सुरक्षा को लेकर सहमे हुए हैं। दीपक ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के कार्यकाल में अरवल जिले से नक्सलियों की गतिविधयां समाप्त हो गई थी। इस बार यहां से भाकपा माले के प्रत्याशी महानंद प्रसाद विधायक बने हैं और माओवादी फिर से सक्रिय हो रहे हैं। बता दें दीपक शर्मा विधानसभा चुनाव में अरवल से भाजपा के प्रत्याशी भी थे। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ उनके पक्ष में चुनाव प्रचार को भी आए थे।

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