दिल्ली चुनाव: महबूब नेता अमित शाह के साथ मंच शेयरिंग पर तेजस्वी ने सीएम नीतीश पर खूब कसा तंज
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मंच शेयर करने और दिए गए भाषण पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सह राजद नेता तेजस्वी यादव ने खूब तंज कसा है और कहा है कि आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी कल दिल्ली में अपने महबूब नेता अमित शाह जी के साथ चुनावी मंच साझा कर रहे थे। मंच पर अपनी सारी राजनीतिक दुर्दशा, चालाकी और मजबूरी को ना चाहते हुए भी प्रदर्शित कर ही गए। तेजस्वी ने कहा कि अमित शाह के साथ मंच साझा करने का ऐसा उतावलापन, ऐसी चाटूकारिता का तकाजा कि उत्साह में वो अपने ही झूठ बोलने के सारे पुराने रिकॉर्ड खुद ही तोड़ गए और देश की राजधानी दिल्ली को बिहार से बदतर बताने में तनिक भर भी लज्जा महसूस नहीं कर रहे थे।

नीतीश जी कल दिल्ली में अपने महबूब नेता अमित शाह जी के साथ चुनावी मंच साझा कर रहे थे। मंच पर अपनी सारी राजनीतिक दुर्दशा, चालाकी और मजबूरी को ना चाहते हुए भी प्रदर्शित कर गए। मंच साझा करने का ऐसा उतावलापन कहे या चाटूकारिता का तक़ाज़ा कि उत्साह में वो अपने..https://t.co/E6YfTegfui
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 3, 2020
मुख्यमंत्री जी, यह बतायें कि आपके 15 वर्ष के कथित सुशासनी राज के बाद भी करोड़ों बिहारवासी पलायन क्यों कर रहे है? अगर आप दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को बिहार से भी बदहाल मानते है तो आपकी मनोस्थिति को भगवान ही बेहतर समझ सकते है। मुख्यमंत्री जी, बिहार में चमकी बुखार से 500 बच्चे मरे। गर्मी से हजारों लोग मरे। बाढ़ से मरने वालों की कोई गिनती ही नहीं। जलजमाव का सुशासनी जनाजा पूरे देश ने देखा था। सत्ता संरक्षण में आपके मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा 34 नाबालिग बच्चियों के साथ मुजफ़्फरपुर में जो सामूहिक बलात्कार हुआ और उसपर सुप्रीम कोर्ट की आपकी सरकार पर जो टिप्पणियां की थी वो किसी भी सभ्य इंसान को सोने नहीं देगी।
बिहार की सड़कों को लेकर माननीय पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की टिप्पणी आप भूल गए क्या? 15 साल में बिहार की शिक्षा को किस गर्त में आपने पहुंचा दिया है इसका तो स्वयं आपको भी अंदाजा नहीं है! दिल्ली जाकर ड़बल इंजन सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज, बाढ़ पीड़ितों की सहायता राशि और केंद्रीय मदों में बिहार का हक माँगने की बजाय आप संविधान बदलने व अपने ही नागरिकों से नागरिकता छिनने वालों को लोकप्रिय और महानायक बता रहे है। शायद अब आपमें स्वयं से भी सवाल-जवाब करने का आत्मबल नहीं रहा। सिद्धांत, विचार, नैतिकता और अंतरात्मा तो आपने जनादेश का सौदा करते समय ही बेच दी थी।
माननीय मुख्यमंत्री जी, दिल्ली में यह तो बता देते आपने कितने कारखाने और कंपनियाँ बिहार में खुलवाई है? कितने युवाओं को रोजगार दिया है? कितनी चीनी मिल, राइस मिल, जूट मिल को बंद करवाया है? अपनी सरकार का 15 साल का तो हिसाब गिना नहीं सकते पर विपक्षी सरकारों का हिसाब मांगने दिल्ली तक पहुंच गए। इसे कहते है एक तो चोरी और ऊपर से सीनाजोरी।

