दलितों पर हुए जुल्म की घटनाओं को लेकर आंदोलन की तैयारी में लोजपा (से)

पटना। लोजपा (सेक्यूलर) के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं मुख्य प्रवक्ता विष्णु पासवान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आजादी के 74 वर्ष बीतने के बाद भी बिहार में सामंती जुल्म की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है, वोट के लालच में सामंतों को सरकारी संरक्षण भी प्राप्त हो रहा है। श्री पासवान ने औरंगाबाद जिला के नवीनगर प्रखंड में एक घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति की एक महिला रिंकी पासवान का प्राथमिक विद्यालय इगुनाही में शिक्षिका होना सामंतों को इतना दुष्वार गुजरा कि प्रमाण-पत्र गलत होने का आरोप लगाया, जांच हुआ और प्रमाण-पत्र सही पाया गया। फिर भी 14 महीने से उस दलित महिला शिक्षिका का वेतन इसलिए रोका गया कि नौकरी छोड़कर भाग जाये। परन्तु रिंकी पासवान ने नौकरी छोड़ने के बजाये अपना फरियाद लेकर डीपीओ औरंगाबाद तक पहुंची लेकिन डीपीओ ने शिक्षिका को देखते ही आग बबूला होकर गाली गलौज कर जाति सूचक शब्द का प्रयोग करते हुए भगा दिया। परेशान रिंकी थाना गई लेकिन सामंतों के दबाब में भी थानेदार ने भगा दिया। केस नहीं लिया।
मामले को लोजपा (से) ने अपने संज्ञान में लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश, मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली, अनुसूचित जाति आयोग एवं मुख्यमंत्री, बिहार को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही कोरोना संकट काल में दलितों पर जुल्म की अनेकों घटनाएं पार्टी के संज्ञान में आया है। सभी घटनाओं को लेकर पार्टी बड़े आंदोलन की तैयारी कर रही है।
