तेजस्वी का बड़ा आरोप : नीतीश सरकार के मंत्री, विधायक एवं पदाधिकारी शराब के धंधे में हैं लिप्त

पटना। बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय के पारिवारिक जमीन पर स्थापित स्कूल में भारी मात्रा में शराब की बरामदगी के बाद भी सरकार के द्वारा इस मामले की लीपापोती का प्रयास चल रहा है। उससे यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्तर से संरक्षण मिल रहा है। जिस कारण अब बिहार सरकार के मंत्री के भाई के द्वारा चलाये जा रहे विद्या के मंदिर में अवैध शराब का कारोबार चल रहा है, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूर्ण शराबबंदी के पोल खोलने के लिए काफी है। उक्त बातें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राजद कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि मंत्री के भाई पर एफआईआर दर्ज होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं होना एवं मंत्री को मंत्री पद से नहीं हटाना स्पष्ट प्रमाण है कि बिहार में सिर्फ गरीबों के लिए शराब बंदी और कानून है। जबकि सरकार के मंत्री, विधायक एवं पदाधिकारी बड़े स्तर पर शराब के धंधे में लिप्त हैं और दारू बेचवाने का काम करते हैं। एक सर्वे के अनुसार ज्ञात हुआ है कि पूरे बिहार में 30 हजार करोड़ का शराब का अवैध कारोबार चल रहा है। लेकिन मेरा मानना है कि पूरे बिहार में 50 हजार करोड़ का शराब का ब्लैक माकेर्टिंग चल रही है और यह एक काला कारोबार के रूप में चल रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में 64 प्रतिशत दागी मंत्री है, जो विभिन्न मामलों में नामजद है। कई विधायक और मंत्री ऐसे हैं, जिन पर हत्या, अपहरण एवं बलात्कार जैसे गंभीर आरोप हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी मेवालाल जैसे लोगों को मंत्री बनाया गया था। परन्तु विपक्ष के दबाब के बाद उन्हें हटाया गया और उनके जगह पर अशोक चौधरी जैसे लोगों को मंत्री बनाया गया। जिनकी पत्नी पर करोड़ों के गबन का गंभीर आरोप है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार जैसा बेवस, लाचार एवं थका हुआ मुख्यमंत्री आज तक पूरे देश में नही हुआ। इस तरह के कुकृत्वों में लिप्त मंत्रियों और विधायकों को बचाना साबित करता है कि नीतीश कुमार असली माफिया है।
संवाददाता सम्मेलन में राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह एवं वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष तनवीर हसन भी मौजूद थे।

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