December 9, 2025

तीर शक्ति संवाद : विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं के आरक्षण के पक्ष में जदयू

पटना। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह ने शुक्रवार को गूगल मीट एवं फेसबुक लाइव के माध्यम से महिला जदयू से संवाद किया। महिला जदयू की प्रदेश अध्यक्ष श्वेता विश्वास की अध्यक्षता में आयोजित संवाद कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष रुचि अरोड़ा, पटना महानगर अध्यक्ष पूनम झा समेत प्रियंका कुमार, आशा कुमारी, ममता शर्मा मौजूद रही। महिला जदयू ने आज से तीर शक्ति संवाद प्रारंभ किया, जिसका उद्घाटन आरसीपी सिंह ने किया।
इस मौके पर अपने संबोधन में आरसीपी सिंह ने कहा कि 9 जुलाई के ही दिन 2015 में जीविका समूह की बैठक में महिलाओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी की मांग की थी। इसी दिन मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि अगर हमें बिहार में फिर से सेवा करने का अवसर मिला तो पूरे बिहार में शराबबंदी लागू करेंगे और फिर से सरकार बनते ही उन्होंने अपना वादा पूरा किया। आधी आबादी की मांग पर इसी दिन उन्होंने बिहार को शराबरूपी कोढ़ से मुक्त कराने का संकल्प लिया, इसलिए इस दिन को भुलाया नहीं जा सकता। श्री सिंह ने महिला जदयू से अपील की कि इस ऐतिहासिक दिन को महिला जदयू की सभी नेत्रियां हर वर्ष तीर शक्ति दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लें।
श्री सिंह ने सभी नेत्रियों से कहा कि वे शराबबंदी से हुए फायदों को नीचे तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक जहां प्रति एक लाख व्यक्ति पर संज्ञेय अपराध की घटनाएं 383.5 है, वहीं बिहार में यह 222.1 है। इसी तरह प्रति एक लाख महिलाओं पर अपराध की घटना का राष्ट्रीय औसत 58.8 है, जबकि बिहार में यह 29.8 है। महिलाओं के शारीरिक उत्पीड़न से जुड़े अपराध के आंकड़ों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसका राष्ट्रीय औसत जहां 7.4 है, वहीं बिहार में यह मात्र 0.2 है। इसी तरह पति द्वारा सताई गई महिलाओं का राष्ट्रीय औसत 16 है, जबकि बिहार में यह मात्र 4.5 है। इन आंकड़ों को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है।
श्री सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में पूरी ईमानदारी से कानून का राज स्थापित किया है। आज किसी की औकात नहीं कि यहां कानून का उल्लंघन करे और बच जाय। श्री सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के राज में बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा तक का सारा खर्च सरकार उठाती है। नीतीश कुमार ने बिहार में जीविका की शुरूआत की तो उसे पूरे देश ने अपनाया। आज एक करोड़ से अधिक परिवार इससे जुड़े हैं। महिलाएं आज कोई भी काम कर सकती हैं और अपनी मेहनत और मेधा की बदौलत कोई भी पद प्राप्त कर सकती है। श्री सिंह ने कहा कि बिहार पहला प्रदेश है जिसने स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। इससे बिहार की राजनीति समावेशी हुई, आधी आबादी का इसमें प्रवेश हुआ और लोकतंत्र को मजबूती मिली। श्री सिंह ने सभी नेत्रियों का आह्वान किया कि वे मुख्यमंत्री द्वारा 9 अगस्त को 2.51 करोड़ वृक्ष लगाने के संकल्प को सफल बनाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी नेत्रियां एक-एक बूथ पर जाकर संवाद स्थापित करें। विपक्षी दल बिहार में फिर से शराब लागू करने की बात कह रहे हैं। आप घर-घर जाकर महिलाओं से पूछें कि वे शराबमुक्त खुशहाल बिहार चाहती हैं या फिर उत्पीड़न का पुराना दौर।
वहीं महिला जदयू की अध्यक्ष श्वेता विश्वास ने कहा कि मुख्यमंत्री ने महिलाओं को जो अधिकार दिया है, वो जगजाहिर है। उनके राज में महिलाओं के नेतृत्व का विकास हुआ है। तीर शक्ति के रूप में न केवल जदयू की नेत्रियां बल्कि वे तमाम महिलाएं काम करेंगी, जिनका जीवन नीतीश कुमार द्वारा शुरू की गई योजनाओं और समाज सुधार के अभियानों से बदला है।

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