जिन्होंने बिहार को लूटा, उनके पुत्र रहनुमा बनने का ख्वाब देख रहे : ऊर्जा मंत्री
कोरोना की आड़ में बिहार को बदनाम करने का अभियान चलाया जा रहा है: संजय झा

पटना। जदयू के विधानसभावार वर्चुअल सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को पूर्णिया जिले के बायसी, कसवा, बनमनखी और कटिहार जिले के कटिहार विधानसभा क्षेत्र के पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ फेसबुक लाइव और डेडिकेटेड आनलाइन प्लेटफाॅर्म के माध्यम से वर्चुअल संवाद किया गया।
आज के सम्मेलनों की एक विशेषता रही कि कोरोना और उत्तर बिहार में भारी वर्षा के पुर्वानुमान को लेकर भी लोगों को जागरूक और सचेत रहने का निर्देश प्रमुख रूप से दिया गया। सम्मेलनों के संचालक जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने आनलाइन जुड़े हजारों समर्थकों से भारी वर्षा और वज्रपात से बचने की अपील की और साथ ही कोरोना संक्रमण को लेकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिये कई घरेलू नुस्खों को अमल में लाने हेतु लोगों से काढ़ा, दूध-हल्दी, गुनगुना पानी आदि का सेवन करने का अनुरोध किया।
जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं बिहार के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि जिस नेता ने बिहार को लूटने का काम किया, उनके पुत्र भले ही मैट्रिक पास न कर सके हों, लेकिन बिहार का रहनुमा बनने का ख्वाब देख रहे हैं। बिहार को ऐसे लोगों और ऐसे परिवार से सावधान रहना चाहिए। श्री यादव ने कहा कि दुनियाभर के अर्थशास्त्री इस बात पर एकमत हैं कि किसी भी इलाके की गरीबी दूर करने के लिए वहां यातायात और बिजली की सुविधाओं का विस्तार करना चाहिए। बिहार ने सिर्फ 15 वर्षों में सड़कों, पुलों और बिजली पर जितना काम किया है, वह मिसाल है। कृषि रोडमैप से राज्य में कृषि उत्पादन काफी बढ़ा है। सड़कों की सुविधा से कृषि उत्पादों की बाजार तक पहुंच आसान हुई है। उन्होंने कहा कि सामाजिक उत्थान की जितनी योजनाए बिहार ने शुरू की है, गर्भ में आने से मृत्यु तक सहायता के लिए, ककहरा सीखने से उच्च शिक्षा तक के लिए जितनी योजनाए चलाई हैं, जितना काम किया है, कहीं और नहीं हुआ है।
वहीं सम्मेलन का संचालन करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना की आड़ में सुनियोजित तरीके से बिहार को बदनाम करने का अभियान चल रहा है। कुछ नेताओं और कुछ मीडिया कर्मियों को बिहार को बदनाम करने की आदत सी बन गई है। जबकि तथ्य कुछ और ही बताते हैं। बाहर से करीब 40 लाख लोग बिहार लौटे हैं। बावजूद इसके, उपचार और गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए बिहार सरकार ने कई ऐसे काम किये, जो दूसरे राज्यों के लिए नजीर बने। आज कोरोना मरीजों की संख्या के मामले में बिहार का देश में 12वां स्थान है, जबकि आबादी के मामले में तीसरा। आंध्र प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बंगाल आदि की तुलना में काफी कम एक्टिव केसेज हैं। रिकवरी रेट और डेथ रेट के मामले में बिहार की स्थिति विकसित राज्यों से बेहतर है।
सम्मेलन को आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय, एससी-एसटी कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष तनवीर अख्तर और पार्टी की प्रदेश महासचिव प्रो सुहेली मेहता के अलावा जिला एवं विधानसभा स्तर के कई नेताओं ने भी संबोधित किया।

