जानिए हिमांशु पांडेय के बारे में, कुछ करने के सपने ने बढ़ाया आगे, आज बिहार के बाजार में ‘यास’ जूस उतारा

युवाओं को रोजगार और गुणवत्तापूर्ण जूस देने का वादा


पटना। बिहार के लिए कुछ करने का जज्बा मन में लिए एक युवा ने जब शुरूआत की तब सबने उन्हें हाथों-हाथ लिया और उनके सपनों को रंग भरने में सब लग गए। यह कहानी है मोतिहारी के हिमांशु कुमार पांडेय की, जिन्होंने एक फूड प्रोसेसिंग प्लांट के रूप में बिहार के युवाओं को नया मुकाम देने की पहल की है। हिमांशु कहते हैं कि कोरोना महामारी के बाद इस शुरूआत से बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। आईआईएम इंदौर के पूर्व छात्र हिमांशु ने इस जूस प्लांट की स्थापना मोतिहारी के अरेराज में की है। सोमवार को पटना के मौर्या होटल में लांचिंग सह प्रेस मीट में हिमांशु ने अपनी यात्रा और सपनों को साझा किया। हिमांशु ने अपने प्रोडक्ट यास जूस के बारे में बताया कि अभी यह 5 तरह के फ्लेवर में होगा, जिसमें आम, लीची, शिकंजी, आमपना और पंचरत्न शामिल है।
अरेराज में पूरी की शुरूआती शिक्षा
मुंबई में वर्षों तक निजी क्षेत्र की कई बड़ी कंपनियों जैसे टाटा स्काई, एयरटेल, नोकिया में काम करने के बाद अब अरेराज में फूड्स एंड बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनाकर नयी शुरूआत करने वाले हिमांशु बताते हैं कि उन्होंने अरेराज में शुरूआती शिक्षा पूरी की। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने राजधानी दिल्ली का रूख किया और दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक करने के बाद भारतीय जनसंचार संस्थान से विज्ञापन एवं जनसंपर्क में पीजी डिप्लोमा किया। इसके बाद उन्होंने देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान, इंदौर से सीनियर एग्जीक्यूटिव एमबीए पूरा किया।
कुछ करने के सपने ने आगे बढ़ाया
हिमांशु कहते हैं, मुंबई में निजी क्षेत्र में काम करते हुए मैंने पैसे तो बहुत कमाए लेकिन मन में हमेशा अपनी मातृभूमि और अपने लोगों के लिए कुछ न कर पाने की कसक रही। आज से कुछ समय पहले मुझे यह महसूस हुआ कि अब घर वापसी का समय है और इसलिए मैंने अरेराज में एक जूस संयंत्र लगाने का फैसला किया।
1000 से अधिक रोजगार होंगे सृजित
रोजगार सृजन के बारे में बताते में 39 वर्षीय पाण्डेय ने कहा कि इस जूस संयंत्र से 1000 से अधिक रोजगार होंगे सृजित होंगे। इससे न सिर्फ जिला बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। इसका सबसे अधिक फायदा स्थानीय युवाओं को होगा। काम के साथ-साथ वे जूस बनाने वाली आधुनिक तकनीकों से भी रूबरू हो पाएंगे। इस शुरूआत से बिहार के अन्य युवा उद्यमियों को भी प्रेरणा मिलेगी। हिमांशु ने बताया कि इस प्लांट में स्टेट-आॅफ-द-आर्ट मशीनरी स्थापित किए गए हैं। जूस बनने से लेकर पैकेजिंग तक सभी कार्य स्वचालित मशीनों द्वारा किये जाते हैं। ये स्वचालित मशीनें एक दिन में 18 हजार लीटर तक जूस का उत्पादन कर सकती हैं तो वहीं प्रति मिनट 120 जूस की बोतलें भरी और पैक की जा सकती है।
मिलेंगे गुणवत्तापूर्ण जूस
हिमांशु पांडेय कहते हैं कि हम उच्च गुणवत्ता वाले जूस बनाते हैं। आम जूस बनाने के लिए अलफोंसो आम और लीची जूस के लिए शाही लीची के पल्प का उपयोग किया जाता है। कच्चे माल विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं से खरीदे जाते हैं और मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट में भेजने से पहले इसकी अच्छी तरह से जांच कंपनी के लैब में विशेषज्ञों द्वारा की जाती है। इन सभी प्रक्रियाओं के दौरान स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाता है। हमारे जूस की गुणवत्ता ऐसी है कि इसे विदेशों में निर्यात के लिए आसानी से अनुमति मिल जाएगी।
विजन और मिशन
अपने विजन और मिशन के बारे में बात करते हुए हिमांशु ने कहा कि हमारा विजन आने वाले दो वर्षों जूस के बाजार में एक विश्वसनीय नाम बनना हैं और हमारा मिशन है कि हम कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण जूस लोगों को मुहैया कराएं।

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