December 5, 2025

जलवायु परिवर्तन अनुकूल और निम्न कार्बन उत्सर्जक विकास की राह अपनाएगा बिहार : तारकिशोर

* बिहार सरकार एवं यूएनईपी के बीच दिल्ली में एमओयू पर हुआ हस्ताक्षर


पटना। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के समर्थन से जलवायु परिवर्तन अनुकूल और निम्न कार्बन उत्सर्जक विकास की रणनीति बनाने को बिहार तत्पर है। इस उदेश्य से बिहार सरकार और यूएनईपी भारत के साथ नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। इसके अंतर्गत वैश्विक और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर यएनईपी के तकनीकी संसाधनों की सुलभता, तकनीकी सलाह और समीक्षा के साथ-साथ संबद्ध पक्ष द्वारा कार्रवाई के लिए हिमायती समर्थन शामिल है। इस अवसर पर बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राज्य मंत्री बाबुल सुप्रिया, बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह, विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह की उपस्थिति में यूएनईपी भारत के साथ सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।
नई दिल्ली के यूएन हाउस में आयोजित कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकि शोर प्रसाद ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) ने जलवायु परिवर्तन अनुकूल और निम्न कार्बन उत्सर्जक विकास की रणनीति बनाने के लिए यूएनईपी के साथ सहयोग का निर्णय लिया है। इससे राज्य सरकार के हरित प्रयासों, जैसे जल-जीवन हरियाली अभियान, कृषि रोड मैप, नवीकरणीय उर्जा नीति, स्वच्छ ईंधन नीति आदि को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के उपायों को स्थानीय स्तर पर अपनाने और उसका असर कम करने के राष्ट्रीय प्रयासों में राज्य सरकारों की भूमिका प्रमुख है। बिहार सरकार ने यूएनईपी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर अनूठी पहल की है। बिहार एक बार फिर अग्रणी भूमिका निभा रहा है। सरकार का यह अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है, जो दूसरे राज्यों के लिए भी नजीर बनेगा। बिहार सरकार ने सतत विकास की राह अपनाकर इसे नया आयाम दिया है।
वहीं केन्द्र सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि पर्यावरण सततता के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन का असर कम करने और उसके अनुरूप ढ़ालने की दिशा में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने प्रमुखता से काम किया है। बिहार को जलवायु परिवर्तन अनुकूल और निम्न कार्बन उत्सर्जक बनाने के लिए यूएनईपी के साथ बिहार सरकार के सहयोग की दिशा में किया जा रहा है, यह प्रयास बेहद सकारात्मक कदम है।
बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि व्यवहार परिवर्तन से बदलाव का लंबा रास्ता तय होगा। इसके लिए छोटे सचेत कदमों और तक्नीक के इस्तेमाल से कम लागत वाले विकल्पों को बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि बढ़ती संख्या में देशों ने इस शताब्दी के मध्य तक कुल शून्य उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने का संकल्प लिया। 2021 के प्रारंभ तक 126 देशों ने कुल शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों का औपचारिक अनुमोदन किया है, घोषणा की है या उस पर विचार कर रहे हैं। दुनिया में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन का 51 प्रतिशत इन देशों से होता है।
विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने स्वच्छ पर्यावरण के प्रति बिहार का संकल्प दोहराते हुए कहा कि बिहार सरकार की यूएनईपी समर्थित पहल अन्य राज्यों के लिए भी जलवायु परिवर्तन अनुकूल और निम्न कार्बन उत्सर्जक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। उक्त अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव सत्या एस. त्रिपाठी ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यूएनईपी निम्न उत्सर्जन अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत का मार्ग प्रशस्त करने में सहायक होने के लिए बिहार के साथ सहयोग करने को उत्सुक है। यूएनईपी और बिहार सरकार की यह भागीदारी सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम के दौरान बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष एके घोष, अतुल बगई सहित बिहार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग एवं यूएनईपी के अधिकारी, तकनिकी विशेषज्ञ उपस्थित थे।

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