जदयू में मचा घमासान समाप्तः जानिए नीतीश और प्रशांत में क्या हुई बात, विरोधी हुए शांत

पटना। जनता दल यूनाइटेड में विगत दो-तीन दिनों से मचे घमासान का काफी खूबसूरती के साथ अंत हो गया। कैब और एनआरसी मुद्दे पर जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के ट्विटर वार के बाद मचे घमासान के बीच जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह काफी सख्त लहजे में प्रशांत किशोर को हिदायत दी थी। यहां तक आरसीपी सिंह ने कह दिया था कि जो पार्टी लाइन से हटकर बात करेगा, वह बाहर जा सकता है। जिसके बाद इस बात के चर्चा जोरों पर दिखने लगी थी कि आखिर प्रशांत किशोर का अगला स्टैंड क्या होगा। कई लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि प्रशांत किशोर के पास इस्तीफा देने के अलावा दूसरा कोई और रास्ता नहीं है। कई पार्टियों ने तो समय को भांपते हुए उन्हें “वेलकम” तक कर दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने इस पूरे घमासान पर आसानी से जीत पा ली और विरोधियों के मुंह पर ताला लगा दिया।
खबर के अनुसार पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर सीएम नीतीश के बुलावे पर गए थे। एक अणे मार्ग जाकर सीएम नीतीश से मिलकर इस्तीफे की पेशकश कर दी। लेकिन मुख्यमंत्री ने उनके इस्तीफे को नामंजूर करते हुुए स्पष्ट तौर पर कह दिया कि आप पार्टी में हैं और आप पार्टी में ही रहेंगे। जिससे स्पष्ट पता चलता है कि पीके को लेकर नीतीश के मन में किसी तरह की नाराजगी नहीं है।
शनिवार को सीएम से मुलाकात के बाद प्रशांत ने कहा कि उन्होंने सीएम को अपना इस्तीफा सौंपा लेकिन उन्होंने इस्तीफा को नामंजूर कर दिया। प्रशांत ने कहा कि एनआरसी समेत विभिन्न मुद्दों पर भी मुख्यमंत्री से अहम बातचीत हुई। एनआरसी पर सीएम ने कहा कि बिहार में वो इस बिल को लागू नहीं होने देंगे। प्रशांत ने बिना नाम लिए पार्टी के एक वरिष्ठ नेता पर करारा हमला बोला। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में किसी भी दूसरे नेता को वो नोटिस नहीं लेते हैं। इतना ही नहीं, जिस सीएबी मुद्दे पर पार्टी के अंदरखाने में इतना विवाद हुआ। उस पर प्रशांत ने स्पष्ट किया कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर दिए गए राय पर वो अब भी अडिग हैं।

About Post Author

You may have missed