खगौल में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ शांति तरीके से निकला मौन जुलूस

खगौल। खगौल की जनता ने नागरिकता संशोधन बिल 2019 के खिलाफ शांति तरीके से मौन जुलूस निकाला, जो मौती चौक से शुरू होकर नगर के प्रमुख सड़कों से गुजरते हुए फिर मोती चौक पर आकर एक सभा को संबोधित कर समाप्त हुआ। जिसमें सभी धर्मों के नागरिकों ने भाग लिया और उनलोगों ने कहा कि हम इस कानून का विरोध करते हैं जो भारत के नागरिकों के साथ भेदभाव रखता हो और नागरिकों को बांटता हो। सरकार की फूट डालो, राज करो की नीति नहीं चलेगी। लोगों ने नागरिकता संशोधन बिल की आलोचना करते हुए इसे शीघ्र वापस लेने के मांग की और कहा कि विरोध करने की आजादी को कुचला जा रहा है, जिस तरह से अंग्रेजी हुकूमत में होता था। इस मौके पर आदम परवेज अंसारी, मो. गयासुद्दीन, मौलाना हाफिज हाजी मिफताउर रब अशरफी, मौलाना सय्यद सदफ बारी, मौलाना शाहनवाज हुसैन और शोएब कुरैशी ने कहा कि हमलोग इस देश के चार फूल हैं एक फूल को मुरझाने की साजिश हो रही है। एक फूल मुरझायेगा तो इस देश की खुशबू खत्म हो जाएगी। उनलोगों ने कहा कियह नागरिकता संशोधन कानून देश के अमन-चैन को खत्म कर देगा और गंगा-जमुनी तहजीब पर एक सवालिया निशान खड़ा कर देगा। ये कानून आपस में सभी धर्मों को जोड़ने का काम नहीं करेगी बल्कि तोड़ने का काम करेगी। जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय के कैम्पस में पुलिस द्वारा घुस कर छात्र-छात्राओं पर हमला करना जलियावालाबाग कांड को याद दिलाता है। हमलोग इस घटना की निंदा करते है। इस मौन जुलूस में कई वक्ताओं ने अपनी-अपनी बात रखी और इस बिल को वापस लेने की मांग की।

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