कोरोना को लेकर विद्युत विभाग के द्वारा फिक्स चार्ज माफ करे बिहार सरकार : कांग्रेस
पटना। बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार एवं बिहार प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा प्रकोष्ठ के नीरज कसेरा ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि लॉक डाउन के कारण बिहार में बंद पड़े प्रतिष्ठान, छोटे-बड़े कल कारखाने तथा व्यवसाय एवं घरेलू उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज की राशि भुगतान करना एक बड़ी समस्या बन गई है। जहां एक तरफ छोटे व्यापारिक लोगों के समक्ष खाने के लाले पड़े हैं, वैसी स्थिति में फिक्स चार्ज का भुगतान करना असंभव है, जिससे आम जनता त्रस्त है। उक्त दोनों नेताओं ने कहा कि बिहार के पड़ोसी राज्यों में फिक्स चार्ज को माफ किया एवं घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी गई है। लेकिन कोरोना महामारी के 52 दिन गुजर जाने के बाद भी आम जनता के लिए बिहार सरकार एवं बिजली विभाग ने कोई राहत नहीं दी है, जिससे उद्योगों की स्थिति चरमरा गई है। उद्योग बंद होने के बाद उनका खर्च उद्योगपतियों को वहन करना पड़ रहा है। नेताओं ने सरकार से मांग किया कि उद्योगों की चरमाई स्थिति को पटरी पर लाने के लिए 6 -12 माह तक बिजली बिल का मिनिमम व फिक्स चार्ज माफ करें। बिजली कंपनी उद्योगों के बिजली कनेक्शन पर न्यूनतम व फिक्स चार्ज करती है। एक किलो वॉट तक के कनेक्शन वाले उद्योगों को बिजली बंद होने के बाद भी न्यूनतम 45 हजार रुपए के करीब बिल आता है। जबकि फिक्स चार्ज 25 हजार रुपए औसत आता है। इस हिसाब से बंद उद्योग को 70 हजार रुपए का बिल चुकाना ही होता है। इसके अलावा उन्होंने सभी वाणिज्यिक संपत्तियों के लिए सत्र 2020-21 के लिए संपत्ति कर घटाकर आधा किए जाने की मांग सरकार से की।


