केंद्र ने दी बिहार के बचे 14 लाख नए कार्डधारकों के लिए 2769.98 टन अनाज आवंटन की मंजूरी

पटना। केंद्र सरकार द्वारा अनाज आवंटन के साथ ही 14 लाख शेष बचे लोगों के राशन के मुद्दे पर बिहार सरकार का केंद्र के साथ चल रहा विवाद खत्म हो गया है। केंद्र ने बिहार सरकार की उस मांग को स्वीकार कर लिया है, जिसमें प्रवासी बिहारियों के साथ-साथ 14 लाख से ज्यादा नए कार्डधरियों के लिए अनाज आवंटित करने की मांग की गई थी। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण मंत्री रामविलास पासवान ने खुद इस बारे में जानकारी दी है।

बिहार के इन नये 14.04 लाख लाभार्थियों के लिए अतिरिक्त 2769.98 टन अनाज आवंटन की मंजूरी के अलावा आत्मनिर्भर भारत पैकेज में लॉकडाउन में फंसे बिहार के वैसे प्रवासी श्रमिक जो NFSA या राज्य की किसी योजना में नहीं आते, के लिए 86450 टन अनाज आवंटित हुआ है। 3/3 @narendramodi @NitishKumar
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) May 19, 2020
रामविलास पासवान ने कहा है कि बिहार में 14 लाख से ज्यादा नए कार्डधारकों के लिए सरकार की तरफ से 2769.98 टन अनाज आवंटन की मंजूरी दे दी गई है। रामविलास ने ट्वीट कर बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के दायरे में अब तक बिहार के 857.12 लाख लाभार्थी थे। खाद्यान्न आवंटन को पुन: संशोधित करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ। बिहार के पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों की जांच के बाद मैंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के प्रावधानों के तहत बिहार के लिए तय 871.16 लाख लाभार्थियों की अधिकतम सीमा की मंजूरी दे दी है। जो मई 2020 से लागू रहेगा। अब अतिरिक्त लाभार्थियों को तत्काल योजना का लाभ मिलेगा।
बता दें पिछले दिनों पासवान ने इन 14 लाख लोगों की सूची नहीं भेजने की बात कहकर बिहार की अनाज की मांग को ठुकरा दिया था, जबकि बिहार के मंत्री मदन सहनी बार-बार इनके लिए अनाज देने की मांग कर रहे थे। उन्होंने पोर्टल पर सूची उपलब्ध होने की जानकारी भी केंद्रीय मंत्री को दी थी। अब पासवान की सहमति के साथ ही दोनों के बीच का विवाद खत्म हो गया है।