कुमुदिनी ट्रस्ट में मनाया गया फ्रेंडशिप डे सह ग्रीन रक्षाबंधन, छात्रों ने बनायी स्वदेशी रखी

फुलवारी शरीफ। रविवार को कुमुदिनी एजुकेशनल कम चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा फ्रेंडशिप डे सह ग्रीन रक्षाबंधन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुरू में चेयरपर्सन उषा कुमारी ने एक पौधा में फ्रेंडशिप बैंड बांधकर उनकी सुरक्षा और उन्हें अपनी तरह ही देखभाल करने का संकल्प लिया और अन्य उपस्थित लोगों को ऐसा करने का शपथ दिलवाया।
इस अवसर पर उषा कुमारी ने कहा कि पेड़-पौधे पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में सबसे बड़े कारक हैं। पेड़-पौधों के कारण ही बारिश होती है, पेड़- पौधों से ही हमें प्राणवायु आॅक्सीजन मिलता है, साथ ही ये अनगिनत पछियों और पशुओ को शरण देते हैं। इनका होना हमारा होना है। इनकी घटती संख्या हमारे अस्तित्व के लिए खतरा है। हम अभी नहीं संभले तो बहुत देर हो सकती है। कार्यक्रम में ट्रस्ट से संबंधित विद्यालयों के बच्चे भी अपने-अपने घरो में एक पौधे को रक्षासूत्र बांध अपनी तस्वीर साझा कर सम्मिलित हुए और पेड़-पौधों के प्रति अपने कर्तव्य को प्रदर्शित किया। इस मौके पर ट्रस्ट की सचिव सरस्वती देवी, कुमुदिनी शिशु विद्या मंदिर की प्राचार्या अंकिता कुमारी, निर्मल रौनक, अंकुर कुमार, दीपा कुमारी आदि अन्य मौजूद रहें।

प्रेमालोक मिशन स्कूल के स्टूडेंट्स ने बनायी स्वदेशी रखी


फुलवारी शरीफ। प्रेमालोक मिशन स्कूल निदेशक गुरू प्रेम ने बताया कि स्कूल की सैकड़ों बच्ची एवं बच्चों ने इस बार चीन की राखी नहीं खरीदी एवं उसकी जगह हजार से ज्यादा राखियां बनाकर अपने नाते-रिश्तेदारों एवं पड़ोसियों को बांटी। यह अपने आप में आत्मनिर्भर भारत का अभूतपूर्व मिसाल है। बच्चों ने चीन निर्मित राखी नहीं खरीदने की अपील की है। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन का पर्व भारत का है किन्तु आज राखी का सबसे बड़ा व्यापारी चीन है, जो प्रतिवर्ष भारत को 40 हजार करोड़ का राखी बेच खूब मुनाफा कमाता है और हमारे पैसे से हमारे सेना की हत्या एवं हमारे मां भारती की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करता है। रक्षा बंधन की शुरूआत महाभारत काल में हुई थी, जब द्रौपदी ने श्रीकृष्ण को राखी बांधी थी।

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