कुछ किजिए सरकार : गांवों में जेसीबी से हो रहा काम, टकटकी लगाए देख रहे गरीब मजदूर
फुलवारी शरीफ (अजीत)। लॉक डाउन में मजदूर भूखमरी के कगार पर हैं, मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है, जो मजदूर कमाने के लिए शहरों इलाके में आते जाते थे उनका काम लॉक डाउन में बंद है। कोरोना महामारी में मजदूर परिवार आज दाने-दाने को मोहताज हैं। जो हाथ कमाकर परिवार चलाते थे, आज वहीं हाथ राहत राशन बांटने वालों की बाट जोह रहे हैं। जब भी कोई हमदर्द या स्वयंसेवी संगठन के लोग राहत सामग्री या फूड पैकेट्स लेकर बांटने पहुंचते हैं, वहां भीड़ जमा हो जाती है और ऐसी परिस्थितियों में सभी जरूरतमंद परिवारों को राहत उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने भवन निर्माण और ग्रामीण इलाके में सड़क, सात निश्चय और मनरेगा का काम कराने की छूट दी है लेकिन इसके बावजूद शहरी क्षेत्रों में काम नहीं के बराबर चल रहा है। ऐसे में अधिकांश मजदूर घर में ही हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। फुलवारी शरीफ प्रखंड के ढिबड़ा पंचायत के माधोपुर गांव में जेसीबी से काम कराया जा रहा था तो मजदूर परिवार टकटकी लगाए देखते रह गए कि आज मशीन नहीं होता तो उनके घर दो वक़्त की रोटी का जुगाड़ हो जाता। यहां गली, सड़क निर्माण के लिए जेसीबी से मिट्टी कटाई कर ट्रैक्टर से निर्माण कार्यस्थल पर भरवाया जा रहा था।
कई ग्रामीणों ने बताया कि इस लॉक डाउन में भी जेसीबी से काम कराया जा रहा है और वहीं मजदूर परिवारों के पास कमाने के लिए काम नहीं मिल रहा है। मजदूर परिवार भूखमरी के कगार पर हैं, जो सरकार की घोषणा के अनुसार राहत राशन और रुपये दिए जा रहे हैं, वह आज की महंगाई में नाकाफी साबित हो रहा है। माधोपुर में जेसीबी से किस योजना का काम कराया जा रहा है, यह जानने के लिये जब स्थानीय ढिबड़ा पंचायत के मुखिया छोटन पासवान को कई बार कॉल लगाया गया तो उनसे बात नहीं हो पाई। वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी मो. जफरुद्दीन ने कहा कि कई योजनाओं का काम चल रहा है। जिस योजना में जेसीबी अलाउड है, वहीं जेसीबी से काम हो रहा है।


