किसानों की बात कृषि मंत्री के साथ कार्यक्रम में किसानों ने लगाई समस्याओं की झड़ी, फिर जानें क्या हुआ

फुलवारी शरीफ (अजीत)। बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार शुक्रवार को बामेती, पटना में किसानों की बात, कृषि मंत्री के साथ कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लाइव जुड़कर उनकी समस्याओं को सुने और समाधान का भरोसा दिलाया। इस दौरान कई जिलों से किसानों ने कृषि विभाग से लेकर जल संसाधन, नाला, सड़क और जल जीवन हरियाली आदि योजनाओं में धांधली की शिकायतों की झड़ी लगा दी। किशनगंज के किसानों ने बाढ़ सुखाड़ सहायता राशि नहीं मिलने की शिकायत की तो बाढ़ अनुमंडल के किसानों ने फतुहा से लखीसराय तक नदी स्त्रोतों की उड़ाही कराने और किनारे पर वट वृक्ष लगाने का सुझाव भी दिया। वहीं औरंगाबाद के किसान ने अपनी निजी जमीन पर पोखर निर्माण कराकर मछली पालन और पंद्रह हजार पेड़ लगाने की जानकारी देते हुए मछली और पेड़ के खरीदार नहीं मिलने की बात कही। टाल क्षेत्र के किसानों ने कृषि मंत्री से प्याज की फसल को सुरक्षित भंडारण के गोदाम की किल्लत सुनाई तो किसी ने धान की अच्छी पैदावार के बावजूद पैक्सो के जरिये धान खरीद में अनियमितता बरते जाने की बात कही। अरवल, लखीसराय, बांका, नालंदा सहित अन्य जिलों से भी किसानों ने अपनी-अपनी समस्याओं को सुनाया और समाधान की गुहार लगाई। स्ट्राबेरी मशरूम की फसल के लिए भी बाजार उपलब्ध करने की समस्याओं को कृषि मंत्री ने सुना।


एक महिला किसान ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण लेकर वे लोग मशरूम उत्पादन कर रहे हैं लेकिन बाजार नहीं मिल रहा है। सुझाव दिया कि मशरूम को मिड डे मिल में शामिल किया जाये ताकि उनकी उपज से नौनिहालों के लिए स्वास्थ्यवर्धक बनाया जा सके। कई किसानों ने कृषि लोन नहीं मिलने की शिकायतों को बताया और कहा कि कृषि पदाधिकारी और बैंक कोई मदद नहीं करते हैं। वहीं बिजली, जल जीवन हरियाली योजना, नाला, सड़क सहित नहरों में समय पर पानी नहीं छोड़ने की शिकायतों को भी कृषि मंत्री ने ध्यान से सुना और अधिकारियों को समस्याओं के समाधान के लिए निर्देश देने की बात कही। दूसरे विभागों से जुड़े समस्याओं को भी उन्होंने सूना और मंत्री ने संबंधित मंत्रालय तक पहुंचाकर समाधान का भरोसा दिलाया। मौके पर ही कृषि मंत्री डॉ. प्रेम ने कहा कि जितने भी किसानों ने समस्याओं को बताया है, उनकी शिकायतों का नाम, पता और मोबाइल नम्बर सहित उनके पास लिखित में भेजा जाये। इसके लिए संबंधित जिला के कृषि पदाधिकारियों को सख्त लहजे में निर्देश जारी किया गया।
किसानों की समस्याओं को सुनने के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि किसान भाईयों ने जो समस्याओं को बताया है, उनके निदान के लिए सरकार पूरी तरह तत्पर है और इसमें जो भी पदाधिकारियों की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि जल जीवन हरियाली, सात निश्चय और कृषि विभाग की योजनाओ में किसी तरह की धांधली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण तथा समेकित कृषि प्रणाली, जिसमें मुख्य रूप से बागवानी तथा वानिकी फसलें सम्मिलित होगी, के लिए सहायता प्रदान किया जायेगा। इस वर्ष 60.00 करोड़ रुपए व्यय किया जाएगा, जिसमें 10,000 एकड़ में जल संरक्षण का कार्य हो सकेगा। डॉ. कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से संबंधित अनुसंधान कार्य भी किये जायेंगे। अगले 50 वर्षों तक इस क्षेत्र में पारंपरिक तरीके से खेत की जुताई नहीं की जायेगी। इसके स्थान पर संरक्षित खेती के तरीके अपनाये जायेंगे।
इस अवसर पर निदेशक, पीपीएम गणेश कुमार, संयुक्त निदेशक (रसायन) बैंकटेश नारायण सिंह, संयुक्त निदेशक (शष्य) डॉ. ब्रजेश कुमार, संयुक्त निदेशक जय प्रकाश नारायण, उप निदेशक (शष्य) अनिल कुमार झा सहित 20 कृषि विज्ञान केन्द्रों से कृषि वैज्ञानिकगण एवं बड़ी संख्या में किसान भाई-बहन उपस्थित थे।

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