किउल-गया दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत पहले चरण में मानपुर से वजीरगंज तक दोहरीकरण का कार्य पूर्ण

हाजीपुर। 124 किमी लंबे किउल-गया दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत पहले चरण में 18 किमी लंबे मानपुर-वजीरगंज रेलखंड के दोहरीकरण कार्य पूर्ण होने के उपरांत 19 दिसंबर को रेल संरक्षा आयुक्त, पूर्वी सर्किल कोलकाता द्वारा विशेष ट्रेन से स्पीड ट्रायल द्वारा निरीक्षण किया गया था। इसके उपरांत रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा इस नवीकृत रेललाईन पर ट्रेन के परिचालन की अनुमति प्रदान की गयी थी। इसके साथ ही मानपुर-वजीरगंज रेलखंड पर स्थित स्टेशनों मानपुर, पैमार, करजरा एवं वजीरगंज पर दोहरीकरण के उपरांत बने नई लाईन पर ट्रेन के परिचालन हेतु इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य भी संपन्न कर लिया गया है। रेल संरक्षा आयुक्त की अनुमति एवं इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग कार्य संपन्न होने के उपरांत मानपुर से वजीरगंज तक दोहरीकरण के तहत निर्मित नई डाउन लाइन से आज 23 दिसंबर को सुबह 07.26 बजे मानपुर स्टेशन से पहली ट्रेन के रूप में गाड़ी संख्या 53404 गया-जमालपुर पैसेंजर का सफलतापूर्वक परिचालन किया गया।
विदित हो कि किउल एवं गया पूर्व मध्य रेल के दानापुर एवं मुगलसराय मंडल का प्रमुख स्टेशन है। इसकी महत्ता को देखते हुए लगभग 125 किलोमीटर लंबे किउल-गया दोहरीकरण परियोजना की स्वीकृति वर्ष 2015-16 में प्रदान की गई थी तथा 24 जून 2016 को रेलवे एवं इरकॉन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। 125 किलोमीटर लंबे इस रेलखंड में 32 बड़े तथा 304 छोटे पुलों का निर्माण किया जाएगा। वर्ष 2020 के अंत तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दोहरीकरण परियोजना पर लगभग 1235 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।
इस दोहरीकरण परियोजना को चार खंडों में बांटकर कार्य किया जा रहा है। खंड-1 में मानपुर-पैमार-करजरा-वजीरगंज (18.15 किमी), खंड-2 में लखीसराय-करौटा पटनैर-सिरारी-शेखपुरा (25.62 किमी), खंड-3 में तिलैया-वजीरगंज (18.01 किमी) तथा खंड-4 में शेखपुरा-तिलैया (61.32 किमी) का निर्माण कार्य पूरा किया जा रहा है, जिसमें पहले चरण में मानपुर-पैमार-करजरा-वजीरगंज (18.15 किमी) का कार्य पूर्ण करते हुए इस पर ट्रेन का परिचालन प्रारंभ कर दिया गया है। इस दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत कुछ नये यार्डों का भी निर्माण किया जाएगा जिनमें पैमार, नवादा, सिरारी, वजीरगंज, करजारा, करौटा पटनेर, काषीचक, शेखपुरा, वारसलिगंज एवं मानपुर प्रमुख है। किउल-गया के दोहरीकरण से लखीसराय, शेखपुरा, नवादा एवं अन्य जिलों के विकास में और गति आएगी। इसका लाभ बिहारवासियों को तो मिलेगा ही साथ ही दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर यात्रा करने वाले अन्य प्रदेश के यात्री भी लाभान्वित होंगे। यह रेलखंड वर्तमान में ग्रैंडकॉर्ड एवं मेन लाइन के यातायात दबाव को भी कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

You may have missed