कारगर वैक्सीन आने तक बचाव ही कोरोना का बेहतर इलाज, ऐसे रखे खुद को फिट : एम्स निदेशक
फुलवारी शरीफ (अजीत)। पटना एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना का बचाव का सबसे कारगर उपाय घरों में रहना और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखना है। इसके लिए बेवजह घरों से बाहर नहीं निकलने और सोशल डिस्टेंस का पालन करना बेहद जरुरी है। एम्स निदेशक डॉ. पीके सिंह ने कहा की एम्स में प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की अनुमति मिल गयी है। एम्स पटना ने कर्मियों को प्रशिक्षण देने से लेकर संसाधनों की पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने बताया कि इस थेरेपी में जो लोग कोरोना वायरस से जंग जीत चुके हैं तो उन्हीं के खून से प्लाज्मा निकाल दूसरे कोरोना वायरस संक्रमित रोगी को डोनेट किया जाता है। जिन लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म हो जाता है, उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और फिर वैसे लोग प्लाज्मा डोनेट करते हैं तो उनके ब्लड से प्लाज्मा को अलग कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो चुके मरीज के शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है जो उस वायरस से लड़ने में सक्षम होती है। उसी प्लाज्मा के जरिये इससे दूसरे रोगियों का इलाज किया जाता है, जिससे उनके शरीर में भी एंटीबॉडीज पैदा होने लगती हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के रोकथाम को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से तमाम उपाए किये जा रहे हैं फिर भी जब तक कोई कारगर वैक्सीन नहीं आ जाता है तब तक कोरोना से बचाव ही इलाज है। भारत वैक्सीन बनाने में काफी मजबूत है और पूरी दुनिया की जरूरत का 50 प्रतिशत वैक्सीन भारत सप्लाई करता है। वैक्सीन पर काम चल रहा है, जल्द ही कोरोना का वैक्सीन भी आ जायेगा। उन्होंने कहा कि बेहद जरुरी हो तब मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाहर जाएं और वापस आकर कपड़ों को धूप में रख दें, सेनिटाईजर और साबुन का प्रयोग करें। बाथरूम में जाकर स्नान करें और फिर दूसरे कमरो में जाएं।
एम्स निदेशक ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी होगी और उसके लिए संतुलित आहार लेना होगा। रोटी-चावल के अलावा उच्च प्रोटीन युक्त भोज्य पदार्थ को भी अपने आहार में शामिल करना होगा। दाल, राजमा, सोयाबीन तथा दूध के साथ सेब, अंगूर, संतरा, मौसमी तथा केला जैसे फलों का सेवन भी जरूरी है। शाकाहारी के अलावा मांसाहारी भोजन भी करना चाहिए लेकिन मांस पूर्णरूप से पका होना चाहिए। लॉकडाउन के दौरान किसी भी तरह का व्यायाम अवश्य करें। डा. सिंह ने आगे कहा कि कोरोना बीमारी के लक्षण कफ, बुखार, सांस लेने में तकलीफ के साथ ही मांसपेशियों में दर्द, डायरिया तथा सूंघने की क्षमता में ह्रास के लक्षण भी सामने आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों की तुलना में हम कोरोना के मामले में काफी अच्छी स्थिति में है।


