कांग्रेस प्रवक्ता ने लगाया आरोप : भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के मामले में फिसड्डी है राज्य सरकार

पटना। बिहार में नीतीश सरकार भ्रष्टाचार के मामले को संज्ञान में नहीं लेती है। कई बार प्रमाण समेत मामले के उजागर होने के बावजूद सिर्फ छोटी मछलियों पर ही कार्रवाई होती है।बड़ी मछलियां राज्य सरकार में व्याप्त भ्रष्ट अफसरों के नेक्सस के बदौलत बच जाती है।इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को उनके ही सरकार के अफसरशाही में व्याप्त ‘करप्ट नेक्सस’ द्वारा सेल्फ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में तब्दील कर दिया जाता है। यह कहना है बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर का। प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर ने एक बयान जारी करते हुए बिहार सरकार के नीतियों के पीछे छिपे भ्रष्ट एजेंडे पर गंभीरता पूर्वक कार्रवाई किए जाने की बात कही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री 24500 करोड़ के जल जीवन हरियाली यात्रा पर निकले हैं। सही मायने में जल जीवन हरियाली मानव जीवन की बुनियाद है।मुख्यमंत्री की पहल बेहद सकारात्मक प्रतीत होती है मगर इस जल जीवन हरियाली मिशन के ऊपर गिद्ध की तरह भ्रष्ट ताकते मड़रा रही हैं। प्रदेश में पिछले 15 वर्षों से ऐसा ही होता आ रहा है अच्छे से अच्छे मिशन को भ्रष्टाचार की बलिवेदी पर चढ़ जाना पड़ता है। इसके उपरांत भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सिर्फ ‘आई वॉश एक्शन’ लिया जाता है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री सही मायनों में चाहते हैं कि उनके किए गए कार्यों को याद रखा जाए। तो अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को भ्रष्टाचार मी मुक्त बनाने की दिशा में कठोरतम कार्रवाई करें। मगर सुबह का हाल यह है कि पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री ठेकेदारों एवं अफसरों को ईमानदारी बरतने की हिदायत देते हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय रोड कांग्रेस के उद्घाटन दिवस के दिन मुख्यमंत्री ने ऐसा कहा भी था। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने साफ तौर पर कहा कि जब सरकार मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर सरकारी खजाने से जल समान धन व्यय कर रही है।तो ऐसे प्रोजेक्ट को भ्रष्टाचार से मुक्त रखने की दिशा में विशेष कार्रवाई होनी चाहिए।

About Post Author

You may have missed