December 8, 2025

कहलगांव विस में असंतोष, राजद नेता बासुकीनाथ बदल सकते हैं चुनावी गणित ?

भागलपुर (गौतम सुमन गर्जना)। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर भागलपुर जिला के कहलगांव विधानसभा के राजद नेता सह प्रखंड अध्यक्ष बासुकीनाथ यादव ने बुधवार को कहा कि कहलगांव ही उनका जन्म व कर्मस्थल है, इसलिए यहां की प्रगति और उन्नति के लिए उनका सबकुछ समर्पित है। उन्होंने कहा कि उनका सेवा-भाव और समर्पण के कारण ही कहलगांव की जनता ने उसे आशीर्वाद देकर अपनी सेवा करने का मौका दिया है। उन्होंने दु:ख प्रकट करते हुए कहा कि कहलगांव विधानसभा क्षेत्र में दशकों से एक कद्दावर नेता का नेतृत्व रहते हुए भी यह नेतृत्वविहिन बनकर प्रगति व उन्नति से वंचित है। गौरतलब हो कि 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी-अपनी सियासी चालें निर्धारित करने लग गई हैं। इसके लिए पार्टियां अपनी पार्टी की रणनीतियां तय कर रही है, तो दूसरी तरफ एक-दूसरे को चित करने के प्रयास में अभी से ही जीतने के लिए कमर कस रही है।
इसी कड़ी़ में यदि हम सूबे के सबसे चर्चित विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो वह है बिहार के बडे़ कद्दावर नेता सदानंद सिंह का क्षेत्र कहलगांव विधानसभा क्षेत्र, जहां से विगत 1969 से आठ बार वे विधायक बने। बावजूद यहां पर जाम, बिजली संकट, सिंचाई और जर्जर सड़क बड़ी समस्या है। क्षेत्र में सबसे खराब हालत सड़कों की है। 15 वर्षों से भागलपुर से कहलगांव जाने वाली सड़क नहीं बन पाई है। भागलपुर से कहलगांव के बीच 25 किमी की दूरी तय करने में दो से तीन घंटे लग जाते हैं। अतिक्रमण के कारण अक्सर जाम लगा रहता है। जर्जर भैना पुल के नहीं बनने से आवागमन बाधित रहता है। शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। जांच में कई गांवों के पानी में आर्सेनिक पाया गया है। सिंचाई सुविधाओं का अभाव है। यहां के बटेश्वर स्थान गंगा पंप नगर परियोजना 35 सालों से अधर में लटकी हुई है। जबकि करोड़ रुपए इस परियोजना पर खर्च हो चुके हैं। परियोजना के पूरा होने पर कहलगांव, पीरपैंती और झारखंड के गोड्डा जिले के कई प्रखंडों के लाखों किसानों को सिंचाई सुविधाओं का लाभ मिल सकता है। शहर में शिक्षण संस्थाओं का अभाव है। यहां एक भी अंगीभूत महिला कॉलेज नहीं है। छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए भागलपुर जाना पड़ता है। इस विधानसभा क्षेत्र में उद्योग नहीं लग पाए हैं। मेगा फूड पार्क और सीमेंट कारखाना जैसे उद्योग लगाने की तैयारी शुरू हुई थी, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण लोगों को उद्योग से वंचित होना पडा़ है। विगत वर्षों में कई गांवों को सड़क से जोड़ा गया है। इस विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भवन बनाए गए हैं। कुछ गांवों में बिजली भी पहुंची है। कहलगांव मिनी जलापूर्ति योजना में काम शुरू होनेवाला है। इसका टेंडर निकाला गया है। इस योजना के लिए 219 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। 20 करोड़ रुपए विभाग को प्राप्त हुआ है, उसमें से 9.5 करोड़ रुपए भू अर्जन विभाग को दे दिया गया है। परियोजना के पूरा होने पर कहलगांव और पीरपैंती के सैकड़ों गांवों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होने लगेगी।
ऐसे में जिस तरह का माहौल यहां बन रहा है उससे यही कहा जा सकता है कि नाथनगर विधानसभा की जनता को राजद नेता बासुकीनाथ यादव पर भरोसा करने के अलावा और कोई चारा नहीं दिख रहा है। यकीनन बासुकीनाथ यादव को यदि राजद उम्मीदवार घोषित करती है, तो निश्चित रूप से पार्टी की जीत तय होगी और सत्ता दल के लोग मुंह के बल गिरेंगे।
बहरहाल, 2020 के विधानसभा चुनाव में कहलगांव विधानसभा के दशकों से रहे विधायक सदानंद सिंह के बारे में इलाके से लेकर सूबे तक में पूरजोर चर्चा यह है कि इस बार वे खूद चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि अपने पुत्र को जदयू से चुनाव लड़ाने की फिराक में हैं और इसके लिए हर तरह की जुगाड़ लगाए हुए हैं। इस तरह बाप-बेटे की नीति और नियति से लोगों में असंतोष व्याप्त है और यह असंतोष ही कहलगांव विधानसभा के चुनावी गणित को बदल सकती है।

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