कम्फेड और दुग्ध सहकारिता के प्रयासों से देश में दुग्ध उत्पादन में बिहार अव्वल : मंत्री

कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री ने सुधा के नये उत्पादों का किया लोकार्पण


फुलवारी शरीफ। बिहार सरकार के कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार द्वारा मंगलवार को बिहार पशु विज्ञानं विश्व विधालय सभागार में सुधा के नये उत्पादों का लोकार्पण किया गया तथा उन्होंने कार्यक्रम में प्रेस प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर कॉम्फेड के प्रबंध निदेशक शिखा श्रीवास्तव सहित विभागीय पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
मंत्री डॉ. कुमार ने कहा कि सरकार पशु पालकों की आय दुगुनी करने के लिए लगातार काम कर रही है। पशुपालन और डेयरी विकास के लिए सरकार निरंतर कई योजनाएं चला रही है। कृषि और दूध का उत्पादन बढ़ाना है, इसके लिए सभी जरुरी संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा कॉम्फेड के प्रयासों और राज्य के 34 जिलों में दुग्ध सहकारिता बेहतर प्रबंधन का ही नतीजा है कि विगत दो दशकों में राज्य का दुग्ध उत्पादन राष्ट्रीय औसत 4.8 प्रतिशत की तुलना में लगभग 8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, जो देश में सर्वाधिक है। राजस्थान 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ दूसरे एवं मध्यप्रदेश 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ दूसरे एवं तीसरे स्थान पर है।


उन्होंने कहा कि दुग्ध सहकारी क्षेत्र द्वारा उत्पादित सुधा के दुग्ध उत्पाद आज शुद्धता का प्रतीक बन गए हैं। भारत सरकार के एफएसएस एआई के मानकों से बेहतर उत्पादन के सुधा के प्रयासों ने उपभोक्ताओं के विश्वास को जीतने में अहम भूमिका निभाई है। सुधा के दूध एवं उत्पादों के विपणन के लिए व्यापक विपणन तंत्र स्थापित है एवं इसमें निरंतर विस्तार किया जा रहा है। आज कॉम्फेड के कुल विक्रय केन्द्रों की संख्या 21977 हो गई है, जो गांवों से लेकर नगरों तक फैले हुए हैं। इनमें से 5626 केन्द्र नगर पंचायतों व नगर परिषदों के क्षेत्र में 11365 केन्द्र नगर निगमों के क्षेत्रों में एवं 4642 केन्द्र ग्रामीण बाजारों में अवस्थित हैं। कॉम्फेड के कार्यक्षेत्र के कुछ जिले दुग्ध संग्रहण में मील का पत्थर स्थापित कर रहे हैं। इनमें बेगूसराय ने 4 लाख किलो के आंकड़े को पार कर लिया है एवं समस्तीपुर ने भी 4 लाख किग्रा दूध के संग्रहण के आंकड़े को लगभग छू लिया है।
डॉ. प्रेम ने आगे कहा कि राज्य की दुग्ध सहकारिता क्षेत्र के उत्पाद बिहार के अतिरिक्त झारखंड, प. बंगाल, उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली, गोवाहाटी आदि उत्तर-पूर्व के राज्यों में भी उपलब्ध हो रहे हैं एवं इसमें और विस्तार किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के आरंभ के साथ ही रेल परिवहन बन्द होने से कॉम्फेड द्वारा रेल मार्ग से भेजे जा रहे दूध का परिवहन बंद हो गया था। अब रेल मंत्रालय द्वारा विशेष रेल द्वारा दूध के चार टैंकर झारखंड तक भेजना आरंभ कर दिया है। वर्ष 2019-20 में सुधा ने 43449 मिट्रिक टन दुग्ध उत्पाद उपभोक्ताओं तक पहुंचाया, जो गत वर्ष 2018-19 की तुलना में (विपणन 36216 मिट्रिक टन) 20 प्रतिशत अधिक था।
डॉ. कुमार ने कहा कि वर्ष 2020-21 दुग्ध सहकारिता की परीक्षा लेने का वर्ष है क्योंकि इस वित्तीय वर्ष के आरम्भ से ही कोरोना के संक्रमण और बाढ़ के कारण इसके विपणन प्रभावित हुआ है। इसके बावजूद कॉम्फेड का जुलाई, 20 तक का दुग्ध संग्रहण 18.09 लाख किलोग्राम प्रतिदिन एवं विपणन 12.96 लीटर प्रतिदिन है।

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