December 6, 2025

पटना एम्स में अत्याधुनिक मशीनों से आंखों के रोगों का आसान इलाज हुआ संभव

कोरोना काल के बाद नेत्र रोग विभाग में नई मशीनों से इलाज का शुभारंभ


फुलवारी शरीफ। अब पटना एम्स में आंखों से जुड़े हर तरह के रोगों का इलाज कराना और भी आसान हो गया। पटना एम्स में नेत्र रोगों की अत्याधुनिक तकनीकों की सर्जरी के लिए बाहर के बड़े शहरों के अस्पतालों में नही जाना पड़ेगा। कोरोना काल के बाद नए सिरे से नेत्र रोगों के इलाज के लिए कई मशीनों को मंगवाया गया है। यहां गरीब मरीजों को सस्ते दर पर आंखों का इलाज आधुनिक मशीनों से किया जाएगा। इसे लेकर शनिवार को फुलवारीशरीफ स्थित पटना एम्स में नेत्र विभाग में कई सुविधाओं का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह के अलावे नेत्र विभाग के अनेकों डॉक्टर मौजूद थे।
एम्स में हर तरह की सुविधा मरीजों को मिलेगी
डॉ. प्रभात ने बताया कि एम्स में आंखों के इलाज के लिए जो मशीन लगाई गई है, वो समूचे बिहार के किसी भी अस्पताल में नहीं है। एम्स में आंखों से संबंधित आॅपरेशन, एक्सरे सहित हर तरह की जांच की जा सकेगी। एम्स में हर तरह की सुविधा मरीजों को दी जाएगी। जिससे मरीजों की सहलूयित होगी। एम्स पटना में विटेरो-रेटिना सर्जरी शुरू की गई है। पूर्ण विकसित रेटिना सेवा का उद्घाटन एम्स में किया गया है। निदेशक ने कहा कि इससे बड़ी संख्या में मरीज लाभान्वित होंगे। इन विट्रो-रेटिना सर्जरी की सेवाएं विट्रियल रेटिना विशेषज्ञ की अनुपस्थिति के कारण उपलब्ध नहीं थीं। आज एडवांस मोतियाबिंद सर्जरी के लिए रेटिना सर्जरी उपकरणों के साथ-साथ लूमेरा 700 आॅपरेटिंग माइक्रोस्कोप के साथ कैलिस्टो सिस्टम के साथ मार्कर कम मोतियाबिंद सर्जरी और सर्वश्रेष्ठ इंट्रा ओकुलर पावर गणना के लिए आईओएल मास्टर 700 का भी उद्घाटन किया गया है।


नेत्र बैंक की स्थापना की प्रक्रिया अग्रिम चरण में
एचओडी एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित राज ने विभाग में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं के बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि नेत्र बैंक की स्थापना की प्रक्रिया अग्रिम चरण में है। पंजीकरण के बाद इसे शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर डीन प्रो. उमेश कुमार भदानी, एमएस प्रो. सीएम सिंह और डीडीए परिमल सिन्हा ने भी विभाग को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। एचओडी सीटीवीएस डॉ. संजीव कुमार, एचओडी पीडियाट्रिक सर्जरी प्रो. बिंदी कुमार, एचओडी रेडियो डायग्नोसिस प्रो. डॉ. प्रेम कुमार, एचओडी ओबीजी प्रो. हेमली हेदी सिन्हा, एचओडी बायोकेमिस्ट्री साधना शर्मा, एचओडी प्लास्टिक सर्जरी डॉ. वीणा सिंह और कई अन्य संकाय सदस्य मौजूद थे। डायस प्रबंधन डॉ. कौशिक एसोसिएट प्रोफेसर नेत्र विज्ञान द्वारा किया गया जबकि वोट आफ थैंक्स डॉ. भावेश चंद्र साहा सहायक प्रोफेसर नेत्र विज्ञान द्वारा किया गया।
इन सेवाओं का हुआ शुभारंभ
एम्स पटना में जिन सेवाओं और उपकरणों का उद्घाटन किया गया, उनमें वीटरियो-रेटिनल सर्जरी डर4 एडवांस विट्रेक्टॉमी सिस्टम द्वारा एंडोलेसर, रेटिनाल, कॉर्नियल इमेजिंग, एफएफए, आईसीजी, और हीडलबर्ग सीसीटी सिस्टम द्वारा मल्टी कलर इमेजिंग, विरासत में मिली रेटिनल बीमारियों और विकासात्मक के लिए इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी यूनिट शिशुओं में देरी, एडवांस लूमरा 700 आॅपरेटिंग माइक्रोस्कोप के साथ कैलिस्टो और रेस लेंस के साथ मार्कर कम मोतियाबिंद सर्जरी और रेटिनल सर्जरी, सटीक आईओएल पावर गणना आदि शामिल हैं।

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