एंटीबॉडी टेस्ट से कोरोना संक्रमण हुआ है या नहीं, चलेगा पता : अर्जित चौबे

भागलपुर। भाजयूमो के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अर्जित शाश्वत चौबे ने सिमेन्स हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड से बात कर सदर अस्पताल भागलपुर में कोविड-19 एंटीबॉडी टेस्ट को सीएसआर से पायलट प्रोजेक्ट करवाने का आग्रह किया, जो अभी तक बिहार में नहीं हो रहा है। एंटीबॉडी स्क्रीनिंग में ब्लड सैम्पल लेकर यह बताया जा सकता है कि व्यक्ति कोविड-19 से एक्सपोज हुआ है या नहीं।
अर्जित ने बताया कि उनके कहने पर सिमेन्स हेल्थकेयर ने भागलपुर के लिए सीएसआर पायलट प्रोजेक्ट बनाया है और इसे सिविल सर्जन भागलपुर को अनापत्ति के लिए भेजा है। प्रपोजल में यह बताया गया है कि सिरोलॉजी ब्लड टेस्ट के माध्यम से सार्स कोव 2 एंटीबॉडीज किट यह पता लगाता है कि वायरस के प्रति शरीर में कितना एंटीबॉडी तैयार हुआ है और रोग से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता कितना तैयार हुआ है। इस टेस्ट में मुख्यत: एंटीबॉडी आईजीजी टेस्ट करके यह देखा जाता है कि शरीर में वायरस संक्रमण से लड़ने में कितना प्रतिरोधक एंटीबॉडी तैयार हुआ है। उन्होंने बताया कि सार्स कोव-2 एंटीबॉडी किट में 100 प्रतिशत सेंसिटिविटी है और 98.8 प्रतिशत स्पेसिफिसिटी पाया गया है, जिससे बेहतरीन रिजल्ट मिल रहा है।
सिमेन्स के नावेल आॅटोमेटेड मशीन अडिविया सेंटोर एक्सपी और अंटेलिका साल्यूशन द्वारा आईजीजी एंटीबॉडी जांच किया जाएगा, जिसमे 1 घंटे में 240 जांच किये जा सकते हैं। यह एंटीबॉडी जांच मशीन सभी उपयोगी रीएजेंट्स और कंज्यूमेबल्स के साथ 1 वर्ष के लिए नि:शुल्क देने की बात कंपनी ने किया है, जिसपर जल्द सहमति बन जाएगी।

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