उर्दू को बढ़ावा देने और स्कूली तालीम के साथ धार्मिक शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत : मौलाना कासमी

1 से 7 फरवरी तक मजहबी शिक्षा से स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये इमारत शरिया का अभियान


फुलवारी शरीफ। 1 से 7 फरवरी तक मजहबी शिक्षा से स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये इमारत अभियान चला रही है। इंसानियत और भविष्य के युवा पीढ़ी को शिक्षा से जोड़ने के लिए इमारत हिमायती है। उर्दू को बढ़ावा देना भी हमारी प्राथमिकता है। जहां सरकार को उर्दू के लिए सीट खाली है, उन्हें भरना चाहिए। सभी महकमे में उर्दू नेम प्लेट और उर्दू में आवेदन लेना शुरू कराया जाए। किसी भी धार्मिक जबान को किसी खास धर्म से जोड़कर न देखा जाए बल्कि भाषा को समाज से जोड़ने और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के लिए अभियान को तेज किया जाना चाहिए।
कार्यवाहक नाजिम मौलाना शिबली अल कासमी ने कहा कि हजरत मौलाना मोहम्मद बाली रहमानी साहब की निर्देशन पर इमारत शरिया ने राज्यव्यापी अभियान आरंभ किया है। धर्म को एक साथ शिक्षित करने की इमारत हिमायती है। इमारत शरिया जल्द ही हर जिले में सीबीएसई माध्यम की स्कूलों को खोलने के लिए प्रयासरत है। उर्दू को बढ़ावा देने के साथ ही धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ स्कूली शिक्षा से वंचित तबके के परिवारों के बच्चों को जोड़ना हमारा उद्देश्य है। मौलाना ने कहा कि जिस इलाके में कोई स्कूल नहीं है, वहां के बारे में जानकारी मिलने पर इमारत शरिया स्कूल खोलने का प्रयास करेगा।
इमारत शरिया का अभियान यह है कि मानक शैक्षिक संस्थानों की स्थापना की जाये। स्कूल, कालेज तथा तकनीकी शैक्षणिक संस्थान खोले जाएं, जो समर्थ लोग हैं उन को चाहिए कि अपने सामर्थ्य और संसाधनों का प्रयोग अपनी कौम और मिल्लत व देश के सामाजिक विकास में लगाएं और स्कूल-कॉलेज तथा दूसरे तकनीकी शैक्षणिक संस्थान खोलें, जहां क्वालिटी एजुकेशन की व्यवस्था हो। इस दौरान मुफ़्ती मो. शानाउल होदा कासमी, मौलाना सोहैल अहमद नदवी, मुफ़्ती सईदुर रहमान कासमी, मौलाना अरशद रहमानी, जनाब निसार अहमद, मौलाना नसीरुद्दीन मजाहिरी इत्यादि उपस्थित थे।

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