December 9, 2025

E-OFFICE प्रयोग के मामले में पूरे भारतीय रेल में ECR ने हासिल किया दूसरा स्थान

हाजीपुर। कोविड-19 से बचाव हेतु पूर्व मध्य रेल द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसी कड़ी में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर मुख्यालय, हाजीपुर एवं पांचों मंडलों में शत-प्रतिशत कार्यालय कार्य ई-आफिस द्वारा पूरा करते हुए पेपरलेस कार्यसंस्कृति अपना लिया गया है। पारदर्शिता के साथ बिना किसी व्यवधान के पहले की अपेक्षा दक्षतापूर्वक तीव्रगति से कार्यालय कार्य संपादित किए जा रहे हैं। इस प्रणाली का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि इससे कागज की काफी बचत हो रही है, जो पर्यावरण की रक्षा के दृष्टिकोण से मील का पत्थर साबित होगा।
पूर्व मध्य रेल के लिए गौरव की बात है कि भारतीय रेल के 16 क्षेत्रीय रेलों, मेट्रो रेल कोलकाता एवं समस्त 08 उत्पादन इकाईयों में ई-आफिस प्रणाली लागू करने के मामले में दक्षिण मध्य रेलवे के बाद पूर्व मध्य रेल द्वितीय स्थान पर है। 12 मई तक पूर्व मध्य रेल द्वारा लगभग 01 लाख 06 हजार रिसिप्ट क्रिएट कर लिए गए हैं, जो अपने-आप में काफी महत्वपूर्ण है। इसी क्रम में कार्यालय में होनेवाले उच्चाधिकारियों की अधिकांश बैठकें अब विडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा किए जा रहे हैं। इससे सोशल डिस्टेंसिंग के पालन में तो मदद मिल ही रही है, कार्यालय कार्य भी निर्धारित समयावधि में पूरे किए जा रहे हैं। विदित हो कि पूर्व मध्य रेल द्वाराई-आॅफिस का प्रयोग पहले से ही किया जा रहा था, परंतु कोविड-19 को देखते हुए मुख्यालय एवं मंडलों द्वारा इसे शत-प्रतिशत लागू करने के लिए व्यापक कदम उठाए गए थे। जिसका परिणाम है कि पूर्व मध्य रेल को उल्लखनीय उपलब्धि हासिल हो पाई है।
लॉकडाउन के दौरान नई उपलब्धियां तो हासिल की ही गई हैं, साथ ही नियमित आवश्यक कार्यों को भी जारी रखा गया। मुजफ्फरपुर स्थित जोनल रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में रिफ्रेशर कोर्स आॅनलाइन पूरा किया जा रहा है। आगे ट्रेनों के परिचालन में किसी प्रकार की रूकावट ना हो इसके लिए लॉकडाउन के बावजूद जोनल रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, मुजफ्फरपुर में रिफ्रेशर कोर्स करनेवाले सभी लोको पायलट/सहायक लोको पायलटों के लिए आनलाइन पाठ्यक्रम की व्यवस्था की गई है। मई एवं जून में अब तक 346 लोको पायलट, 167 सहायक लोको पायलट और 100 रनिंग स्टाफ सहित रेल परिचालन से सीधे रूप से जुड़े कुल 613 रेलकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया, जो प्रशिक्षण उपरांत संस्थान द्वारा आयोजित परीक्षा में सफल भी हुए।

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