BIHAR : आमस-दरभंगा राजमार्ग परियोजना के भू-अर्जन कार्य ने पकड़ी रफ्तार, परियोजना को चार भागों में विभाजित करने की तैयारी

पटना। बिहार की अत्यंत महत्वपूर्ण राजमार्ग परियोजना आमस-कच्ची दरगाह-ताजपुर-दरभंगा के भू-अर्जन कार्य ने तेजी पकड़ ली है। यह परियोजना कुल 189 किमी लंबी है, जिसमें संपूर्ण लंबाई ग्रीन फिल्ड में 60 मीटर चैड़ाई में भू-अर्जन किया जा रहा है। राज्य के 7 जिलों के लगभग 239 ग्रामों में लगभग 1363 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया जाना है। इन राजस्व ग्रामों में से कुल 222 राजस्व ग्रामों का 3ए प्रकाशित किया जा चुका है, एक 3डी प्रकाशन की कार्रवाई की जा रही है। 3डी प्रकाशन के उपरान्त भू-अर्जन के सक्षम प्राधिकार द्वारा 3जी तैयार किया जाएगा। उसके बाद किसानों को मुआवजे की राशि का भुगतान होगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में भू-अर्जन के लिए राशि की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
परियोजना की निविदा चार भागों में होगी
भू-अर्जन के समानान्तर कार्रवाई करते हुए राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा परियोजना को चार भागों में विभाजित करके निविदा प्रकाशित करने की तैयारी की जा रही है। इस परियोजना की निविदा चार भागों में होगी, जिसमें प्रथम पैकेज आमस से शिवरामपुर तक कुल लंबाई 55 किमी है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 1073.44 करोड़ रुपए होगी। द्वितीय पैकेज शिवरामपुर से रामनगर तक कुल लंबाई 54.30 किमी की अनुमानित लागत लगभग 1066.64 करोड़ रुपए होगी। तीसरा पैकेज कल्याणपुर से पाल दशहरा तक कुल लंबाई 45 किमी की अनुमानित लागत लगभग 1150 करोड़ रुपए होगी। चौथी पैकेज पाल दशहरा से बेला नवादा तक कुल लंबाई 44.10 किमी की कुल लागत लगभग 1534.07 करोड़ रुपए होगी। इसके अतिरिक्त पटना रिंग रोड के रामनगर-सबलपुर पथांश, जिसकी लंबाई लगभग 14 किमी है, का भारतमाला परियोजना अन्तर्गत भू-अर्जन हेतु भी आवश्यक स्वीकृति प्राधिकरण द्वारा प्रदान की गई है।
प्रत्येक पैकेज को 2 वर्ष में कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य
उल्लेखनीय है कि राज्य में वृहद राजमार्ग परियोजनाओं की अभी हाल में संपन्न हुई निविदाओं में देश की नामी निर्माण एजेंसियों ने रूचि दिखाई है और आशा है कि इस परियोजना में भी देश की ख्याती प्राप्त एजेंसियां निविदा में भाग लेगी। प्रत्येक पैकेज को निर्माण कार्य प्रारंभ होने से 2 वर्ष के अंदर कार्य पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है।
इस परियोजना के मार्गरेखन पर गंगा नदी पर कच्ची दरगाह से विदुपुर के बीच 6-लेन पुल का निर्माण राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से पूर्व से ही कराया जा रहा है, जो 2023 के शुरूआत में पूर्ण होगा। इस प्रकार 2024 के अंत तक यह परियोजना मूर्तरूप लेगी, जिससे राज्य के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।


पथ निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन द्वारा इस परियोजना की भू-अर्जन कार्यो को सबसे तेज गति से पूर्ण करने हेतु 3ए की अधिसूचना के 180 दिन के अंदर भूमि उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य सरकार द्वारा इस परियोजना के निर्माण में प्राधिकरण को हर प्रकार का सहयोग दिया जाएगा।

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