आपातकाल पर भाजपा और जदयू नेताओं को बोलने का अधिकार नहीं : राजद

पटना। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि भाजपा और जदयू जैसे दलों के नेताओं को आपात काल पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। राजद नेता ने कहा कि आज आपातकाल से भी बदतर स्थिति हो गई है। इस बात को खुद भाजपा के वरिष्ठतम नेता लालकृष्ण आडवाणी भी स्वीकार चुके हैं। 25 जून 1975 की रात को तो एक वैधानिक प्रक्रिया के तहत देश में आपातकाल लागू किया गया था। आज तो स्थिति यह है कि बगैर आपातकाल लागू किये ही लोगों के संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। आज सरकार के गलत नीतियों का विरोध करने को भी राष्ट्र द्रोह माना जाता है। राष्ट्र भक्ति का मतलब एक व्यक्ति की भक्ति हो गई है।
राजद नेता ने कहा कि 1977 में बनी जनता पार्टी की सरकार में तत्कालीन जनसंघ और वर्तमान में भाजपा के नेताओं के रवैये से जेपी काफी मर्माहत हो गये थे जो कि उनके मौत का कारण बना। जेपी जगजीवन राम को देश का प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे लेकिन जनसंघ से जुड़े नेताओं के विरोध के कारण यह संभव नहीं हो सका। राजद नेता ने आगे कहा कि अपनी जुबान पर जेपी का नाम लेने के पहले भाजपा और जदयू नेताओं को आज आपातकाल दिवस पर अपने गुनाहों के लिए प्रायश्चित करना चाहिए।
