December 5, 2025

आईश में नामांकन के लिए बिहार के छात्रों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर, मिनी आईश के रूप में काम करेगा आईजीआईएमएस का आउटरीच सेंटर

पटना/भागलपुर/बक्सर। अखिल भारतीय वाक एवं श्रवण संस्थान मैसूर में नामांकन प्रवेश परीक्षा के लिए बिहार के छात्रों को दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। पटना में भी सेंटर खुलेगा। भागलपुर के जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज में चल रहे सेंटर में डिप्लोमा के साथ डिग्री की पढ़ाई की व्यवस्था होगी। पटना के आईजीआईएमएस कैंपस में संस्थान का आउटरीच सेंटर मिनी आईश के रूप में काम करेगा। उक्त बातें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे अखिल भारतीय वाक एवं श्रवण संस्थान की डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. पुष्पावती के साथ बिहार के संदर्भ में समीक्षा बैठक में कहा।
इसके पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन एवं केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने विश्व श्रवण दिवस के मौके पर देशभर में अखिल भारतीय वाक एवं श्रवण संस्थान के छह आउटरीच सेंटर का शुभारंभ किया। इसमें से इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंस (आईजीआईएमएस) पटना का एक आउटरीच सेंटर था। फरवरी 2019 में अश्विनी चौबे ने संस्थान के मैसूर मुख्यालय का भ्रमण किया था। इसके उपरांत पटना एम्स में आउटरीच सेंटर खोला गया था।
मूक-बधिर बच्चों को मिलेगा लाभ
केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने बताया कि पटना एम्स में आउटरीच सेंटर पहले से है, अब आईजीआईएमएस में भी इसकी व्यवस्था हो गई है। संस्थान की तरफ से स्टाफ आदि की भी व्यवस्था हो गई है। यह मिनी आईश के रूप में काम करेगा। इसमें आधुनिक रूप से टेस्टिंग एवं ट्रीटमेंट की व्यवस्था होगी। जिससे मूक-बधिर बच्चों को काफी लाभ मिलेगा।
भागलपुर सेंटर में डिग्री की होगी पढ़ाई, बक्सर में खुलेगा आउटरीच सेंटर
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने डायरेक्टर को निर्देशित किया कि भागलपुर सेंट्रल में चल रहे डिप्लोमा कोर्स के साथ-साथ डिग्री की भी व्यवस्था की जाए। इसे मूर्त रूप दिया जा रहा है। बिहार में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में अश्विनी चौबे के प्रयास से यह डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई की व्यवस्था शुरू की गई थी। रोजगार के दृष्टिकोण से यह काफी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। समीक्षा बैठक में यहां इंस्टिट्यूट खोलने की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई। इस संबंध में जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से फोन पर श्री चौबे ने बात की। राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त जगह उपलब्ध कराने पर इंस्टिट्यूट की स्थापना हो सकती है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में नए इंस्टिट्यूट बनाने की स्वीकृति हो गई है। त्रिपुरा एवं छत्तीसगढ़ में इंस्टिट्यूट बनाने की प्रक्रिया चल रही है। बिहार में भी राज्य सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध कराए जाने के उपरांत इंस्टिट्यूट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इसके साथ ही बिहार के प्रत्येक जिलों के जिला अस्पतालों में आउटरीच सेंटर खोलने पर निदेशक के साथ उन्होंने चर्चा की। निदेशक ने बताया कि 400 से 500 स्क्वायर फीट का दो कमरा उपलब्ध होने की स्थिति पर आउटरीच सेंटर खोला जा सकता है। उन्होंने बक्सर में आउटरीच सेंटर खोलने का निदेशक को निर्देशित किया। इससे संबंधित सभी औपचारिकताओं को पूरा करने का उन्होंने निर्देश दिया।

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