अहमदाबाद में संपन्न हुआ बिहार महोत्सव, दोनों राज्यों ने अपनी संस्कृति को किया साझा

अहमदाबाद/पटना। गुजरात के अहमदाबाद में बिहार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय बिहार महोत्सव 2020 का समापन सफलतापूर्वक रंगारंग कार्यक्रम के साथ हो गया। इस दौरान विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार ने बिहार की कला संस्कृति को एक बड़ा मंच प्रदान करने के लिए खेलकूद युवा एवं सांस्कृतिक प्रवृत्ति विभाग, गुजरात और स्थानीय लोगों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यहां लोगों ने अतिथि देवो भव: परंपरा के साथ हमारा सत्कार किया। मंत्री ने कहा कि इस आयोजन की खास बात ये रही कि इसमें बिहारी और गुजराती संस्कृति का समागम हुआ। यहां इस मंच पर, जहां एक ओर बिहार की विशिष्ट संस्कृति सांस्कृतिक कला रूपों प्रदर्शन हुआ, वहीं दूसरी और गुजरात के प्रसिद्ध लोक गायकी एवं नृत्य भंगिमाओं की प्रस्तुति ने दोनों राज्यों की संस्कृतिक को जोड़ने के लिए एक ब्रिज का काम किया।


वहीं विभाग के प्रधान सचिव रवि परमार ने इस तीन दिवसीय आयोजन के समापन सामरोह में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि गुजरात के प्रसिद्ध लोक गायकी एवं नृत्य भंगिमाओं की प्रस्तुति और टैगोर हॉल परिसर में लगे स्टाल्स के माध्यम से बिहार के आर्ट एंड क्राफ्ट के साथ व्यंजनों से परिचय से सांस्कृतिक विरासत को साझा करने की बिहार सरकार के मकसद को सफलता मिली।


उधर, बिहार महोत्सव के अंतिम दिन रविवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत टैगोर हाल में शीतल मकवाना ग्रुप गुजरात द्वारा लोक नृत्य के साथ हुई। फिर कोलकाता के रत्नादास ग्रुप के अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। इसके बाद प्रियंका कश्यप का गायन हुआ, जो रेडियो और दूरदर्शन की हाई ग्रेड आर्टिस्ट हैं और जेडी वीमेंस कॉलेज में 18 सालों से संगीत विभाग में लेक्चरर हैं। इसके बाद रिदम आॅफ बिहार की प्रस्तुति अर्जुन कुमार चौधरी के नेतृत्व में हुई, जो विभिन्न वाद्य मंत्रों पर आधारित एक फ्यूजन है। इसमें बिहार के पांच भाषाई अंचलों के संस्कार, त्योहार एवं परंपराओं का चित्रण सिर्फ वाद्य यंत्रों द्वारा किया गया। इस प्रस्तुति का मूल उद्देश्य भगैत, दंगल, आल्हा, कीर्तन, देवास, चैता, नौटंकी, डपरा आदि बिहार के मूल वादन शैली को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना है। आज इसमें तबला पर डॉ. अशोक साह, नाल पर अर्जुन कुमार चौधरी, पखावज पर आशुतोष उपाध्याय, ढोलक विजय कुमार चौबे, बांसुरी पर मो. शर्फुद्दीन, नगाड़ा पर विनोद पंडित, सितार पर नीरज कुमार मिश्रा के साथ मिलकर अन्य कलाकारों ने अहमदाबाद में दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन मैथिली ठाकुर की सुमधुर आवाज में गायन से हुई, इस दौरान मैथिली ठाकुर के गीतों पर झूमते रहे अप्रवासी बिहारी। अंत में दर्शक दीर्घा में मौजूद कला प्रमियों ने बिहार से आये सांस्कृतिक दलों और राज्य सरकार के मंत्री व अधिकारियों के लिए इस शानदार आयोजन के लिए स्टेंडिंग ओवेसन दिया। वहीं, प्रवासी वेलफेयर फाउंडेशन के कनवेनर ऋषिकेश सिंह और को-कनवेनर रामपाल सिंह ने मंत्री प्रमोद कुमार को शॉल और अहमदाबादी सैयद की जाली से सम्मानित किया।

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