अवध मिथिला सम्मेलन में बोले केंद्रीय राज्यमंत्री: भारत की संस्कृति की पहचान है अवध और मिथिला की संस्कृति

पटना। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शनिवार को अयोध्या में रामलला का दर्शन कर सभी के सुख, शांति एवं बेहतर स्वास्थ्य की प्रार्थना की। केंद्रीय राज्य मंत्री श्री चौबे डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित अवध मिथिला सम्मेलन में भाग लेने के लिए अयोध्या गए हुए थे। श्री चौबे सबसे पहले सरयू नदी तट पर पहुंचे। वहां उन्होंने केवट के चरण पखारे। इसके उपरांत हनुमानगढ़ी पहुंचे, जहां हनुमान जी की पूजा अर्चना की। इसके बाद राम लला के दर्शन किए। भारतीय संस्कृति के अनमोल उदाहरण है अवध और मिथिला की प्राचीन संस्कृति: डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित अवध निकला सम्मेलन में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने कहा कि भारत की सभ्यता एवं संस्कृति में अवध और मिथिला का अभूतपूर्व योगदान है। दोनों के बीच का जो संबंध है वह अलौकिक है। दिव्य एवं पवित्र है। भारत की संस्कृति अवैध और मिथिला के बिना अधूरी है। दोनों संस्कृति हमें मर्यादित जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है। अवध एवं मिथिला का धार्मिक महत्व विश्व विख्यात है। दोनों प्राचीन संस्कृति से जुड़े हुए हैं। इस अवसर पर उन्होंने दोनों संस्कृतियों को मजबूती प्रदान करने पर बल दिया। केंद्र सरकार के रामायण सर्किट के महत्व एवं पर्यटन के दृष्टिकोण से दोनों क्षेत्रों के महत्वपूर्णता से अवगत कराया। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे ने कहा कि वे सौभाग्यशाली है कि उन्हें भगवान श्री राम के शिक्षण स्थली बक्सर का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। अवध और मिथिला के बीच बक्सर एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसे भी रामायण सर्किट में शामिल किया गया है। उन्होंने बक्सर में बिताए भगवान राम के लीलाओं का भी जिक्र किया।

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