अर्थव्यवस्था को गति देने को नीतीश सरकार ने कसी कमर, श्रमिकों की भी चिंता

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पटना। लॉकडाउन के कारण गर्त में चली गई बिहार की आर्थिक स्थिति को बल देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अधिकारियों के साथ भारत सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज पर विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मखाना, शाही लीची और शहद में असीम संभावनाएं हैं, इसकी ब्रांडिंग करें। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि मनरेगा में अधिकतम श्रम दिवस की सीमा बढ़ाने के लिए केंद्र से अनुरोध करें। बाहर से आ रहे श्रमिकों के लिए उनकी स्किल मैपिंग के अनुसार रोजगार सृजन की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
आर्थिक पैकेज पर विचार-विमर्श के दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि हर हिन्दुस्तानी के थाली में बिहार का एक व्यंजन हो, यह हमारा लक्ष्य है। मखाना इसे पूरा कर सकता है। मखाना एवं मखाना उत्पादों को बढ़ावा देने पर बल दें। मखाना का उत्पादन क्षेत्र बढ़ाएं, उसकी प्रोसेसिंग और मखाना उत्पादों के लिए बाजार को बढ़ावा दें। मखाना का व्यापार बिहार से ही हो, इसकी योजना बनाएं। इससे बिहार की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। सीएम ने आगे कहा कि मखाना के साथ-साथ शाही लीची, चिनिया केला, आम, मेंथा तेल, खस तेल, कतरनी चावल और अन्य कृषि उत्पादों के क्लस्टर को भी बढ़ावा दें। गंगा नदी के तट पर बनाए गए जैविक खेती कोरिडोर में मेडिसिनल प्लांट के उत्पादन को बढ़ावा दें। लेमन ग्रास, खस और मेंथा के उत्पादन को बढ़ाया जाए। राजगीर की पहाड़ियों पर काफी संख्या में मेडिसिनल प्लांट हैं, इनका अध्ययन करवाएं और उपयोग के लिए संस्थागत व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शहद उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं। शहद की प्रोसेसिंग यूनिट और मार्केटिंग व ब्रांड वैल्यू पर बल दिया जाए। शहद उत्पादन को सहकारी संस्थाओं से लिंक किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मनरेगा में अधिकतम श्रम दिवस की सीमा को 100 से 200 करने के लिए केंद्र से अनुरोध करें। बाहर से आ रहे श्रमिकों के लिए उनकी स्किल मैपिंग के अनुसार रोजगार सृजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। राज्य में संचालित इकाईयों में श्रमिकों को उनके स्किल के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराया जाए। नई निर्माण इकाईयों की स्थापना की दिशा में भी कार्रवाई की जाए। सरकार नए उद्योग लगाने में पूरी मदद करेगी।

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