अति महत्वपूर्ण किऊल-लखीसराय यार्ड रीमॉडलिंग एवं आरआरआई कार्य 31 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य
रेल परिचालन में और सुगमता के साथ ट्रेनों के समय.पालन में भी होगा सुधार
हाजीपुर। दानापुर मंडल के अंतर्गत किऊल-लखीसराय यार्ड रीमॉडलिंग तथा पुराने यांत्रिक लीवर फ्रेम के स्थान पर अत्याधुनिक रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआई) के माध्यम से किऊल और लखीसराय दोनों स्टेशनों पर ट्रेनों के आवागमन को नियंत्रित किया जाएगा। किऊल नदी पर वर्तमान रेल पुल लगभग 100 वर्ष पुराना है। नवनिर्मित दोहरी लाइन वाले पुल से शीघ्र ही रेल परिचालन प्रारंभ किया जाएगा। पूरी परियोजना को इस वित्तीय वर्ष में 31 मार्च 2020 तक पूरा कर नई अवसंरचना के माध्यम से रेल परिचालन प्रारंभ करने की योजना है। विदित हो कि किउल-गया दोहरीकरण, यार्ड रिमॉडलिंग एवं नये पुल के निर्माण कार्य के पूरा हो जाने के उपंरात किउल में प्लेटफॉर्मों की संख्या 05 से बढ़कर 08 हो जायेगी। इस महत्वपूर्ण परियोजना पर कार्य प्रगति की निगरानी लगातार ड्रोन कैमरे के माध्यम से की जा रही है।
किऊल-लखीसराय स्टेशन हावड़ा और दिल्ली को जोड़ने वाली मेन लाइन पर अवस्थित महत्वपूर्ण स्टेशन है। पूर्वी छोर पर किऊल, पश्चिमी छोर पर लखीसराय तथा बीच में बहती किऊल नदी के साथ भारतीय रेल में यह अपनी तरह का अकेला जुड़वा स्टेशन है जहां से पूर्व की ओर झाझा और भागलपुर के लिए तथा पश्चिम की ओर गया, पटना और बरौनी के लिए ट्रेनों का परिचालन किया जाता है। नए स्थापित होने वाले आरआरआई से कार्यारंभ होने पर हावड़ा-दिल्ली मेन लाइन पर रेल परिचालन में और सुगमता आएगी तथा ट्रेनों के समय पालन में भी सुधार होगा।


