October 28, 2025

पटना में गंगा में डूबकर युवक की मौत, स्नान के दौरान हुआ हादसा, परिवार में मचा कोहराम

पटना। राजधानी पटना में मंगलवार की सुबह गंगा नदी में स्नान के दौरान एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा नदी थाना क्षेत्र के सबलपुर विष्णु मंदिर गंगा घाट पर हुआ, जहां गुलमहियाचक निवासी हरेंद्र महतो (35 वर्ष) स्नान करने गए थे। बताया जा रहा है कि हरेंद्र रोज की तरह सुबह गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे, लेकिन आज गहराई और तेज बहाव का अंदाज़ा नहीं लगा पाए और तेज धार में बह गए। इस हादसे से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
तेज धार में फंसे हरेंद्र, बचाने की कोशिश में जुटे लोग
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हरेंद्र महतो अपने कुछ दोस्तों के साथ गंगा स्नान के लिए घाट पर पहुंचे थे। स्नान के दौरान वे धीरे-धीरे नदी के बीच की ओर चले गए। तभी अचानक उनके पैरों के नीचे की मिट्टी खिसक गई और वे गहरे पानी में चले गए। तेज बहाव के कारण वे खुद को संभाल नहीं पाए और देखते ही देखते लहरों में समा गए। साथियों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि कोई भी पास नहीं जा सका। घटना की सूचना मिलते ही घाट पर मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। किसी ने तुरंत नदी थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की टीम को बुलाया। फिलहाल टीम द्वारा गंगा के विभिन्न हिस्सों में तलाश अभियान चलाया जा रहा है।
घंटों बाद भी नहीं मिला शव, परिजनों का बुरा हाल
दोपहर तक चले खोज अभियान के बावजूद हरेंद्र का शव बरामद नहीं हो सका था। नदी में तेज धार और बढ़े हुए जलस्तर के कारण गोताखोरों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि धारा बहुत तेज है और दृश्यता कम होने के कारण तलाशी में समय लग रहा है। टीम ने शाम तक भी तलाश जारी रखने का निर्णय लिया है। दूसरी ओर, जैसे ही हादसे की खबर गुलमहियाचक में उनके घर पहुंची, परिवार में कोहराम मच गया। हरेंद्र की पत्नी और परिजन रो-रोकर बेहोश हो गए। मोहल्ले के लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंचे, लेकिन किसी के पास भी शब्द नहीं थे। हरेंद्र दो बच्चों के पिता थे और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं बताई जा रही है।
बारिश से बढ़ा गंगा का जलस्तर, हादसों की संख्या में इजाफा
बिहार में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। गंगा के कई घाटों पर जलस्तर खतरनाक स्तर के करीब पहुंच गया है। ऐसे में नदी में स्नान करना अत्यंत जोखिम भरा हो गया है। प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी जारी की जा रही है कि लोग नदी में गहराई तक न जाएं, लेकिन इसके बावजूद कई लोग सावधानी नहीं बरत रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि सबलपुर घाट पर हर साल बारिश के मौसम में ऐसे हादसे होते हैं। बावजूद इसके, वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जाती। न तो घाट पर लाइफगार्ड तैनात हैं और न ही कोई चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि घाटों पर एनडीआरएफ की टीम को स्थायी रूप से तैनात किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
एक दिन पहले भी डूबने से गई थी दो मासूमों की जान
गौरतलब है कि इसी तरह का एक और हादसा बीते दिन दिदारगंज थाना क्षेत्र के महमदपुर इलाके में हुआ था, जहां बाढ़ के पानी में डूबकर दो बच्चों की मौत हो गई थी। बच्चे खेलते हुए पानी में चले गए थे और गहराई का अंदाजा न लगा पाने के कारण डूब गए। लगातार हो रही ऐसी घटनाओं से स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल है।
घाट पर सुरक्षा इंतजामों पर उठे सवाल
सबलपुर विष्णु मंदिर घाट पर सुबह-शाम सैकड़ों लोग स्नान और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। लेकिन वहां किसी भी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। न तो चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं, न ही कोई रस्सी या जाल की व्यवस्था की गई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि घाट की सीढ़ियों के नीचे अचानक गहराई बढ़ जाती है और कई जगह पानी का बहाव काफी तेज रहता है। ऐसे में कोई भी मामूली गलती जानलेवा साबित हो सकती है। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “हरेंद्र रोज यहां आते थे, लेकिन आज जलस्तर बढ़ा हुआ था। अगर प्रशासन पहले से चेतावनी देता या घाट बंद कर देता तो शायद यह हादसा नहीं होता।”
पुलिस और प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
नदी थाना पुलिस ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और तुरंत एनडीआरएफ को बुलाया गया। फिलहाल तलाशी अभियान जारी है। थानाध्यक्ष ने कहा कि शव मिलने के बाद पोस्टमार्टम कराया जाएगा और परिजनों को आवश्यक सहायता दी जाएगी। प्रशासन ने भी घटना पर दुख जताया है और लोगों से अपील की है कि बढ़े हुए जलस्तर के दौरान नदी में स्नान न करें। जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि जिन घाटों पर खतरा अधिक है, वहां चेतावनी पट्ट लगाए जाएंगे और अस्थायी सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाएंगे।
परिवार के लिए टूट पड़ी विपत्ति
हरेंद्र महतो अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनके निधन की आशंका से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। गांव में हर कोई यही कह रहा है कि यह हादसा केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की त्रासदी है। हरेंद्र की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं उनके बच्चे बार-बार पिता को बुला रहे हैं।
स्थानीय लोगों में भय और प्रशासन से नाराजगी
लगातार हो रहे ऐसे हादसों से सबलपुर और आसपास के क्षेत्रों के लोग दहशत में हैं। उनका कहना है कि जब तक सुरक्षा इंतजाम नहीं बढ़ाए जाएंगे, तब तक हर साल बारिश के मौसम में किसी न किसी की जान जाती रहेगी। लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि सभी घाटों पर तैराकों की तैनाती की जाए और नदी में स्नान पर अस्थायी रोक लगाई जाए। पटना में बढ़ते जलस्तर और सुरक्षा इंतजामों की कमी ने एक बार फिर प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हरेंद्र महतो की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। गंगा किनारे अब भी उनका परिवार उम्मीद लगाए बैठा है कि शायद कोई चमत्कार हो जाए और उनका बेटा, पिता, पति किसी तरह लौट आए—लेकिन गंगा की लहरों ने इस उम्मीद को निगल लिया है।

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