वर्ल्ड अर्थराइटिस डे पर जयप्रभा मेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टर की सलाह, जोड़ों के दर्द को न करें अनदेखा
पटना(अजीत)। वर्ल्ड अर्थराइटिस डे पर जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि अर्थराइटिस यानी कि गठिया, जोड़ों की सूजन और दर्द से जुड़ा हुआ रोग है। जोड़ों में अगर दर्द है तो उसे अनदेखा न करें। वही इस बीमारी में संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ्य जीवन शैली ही इलाज है। बता दें कि, 12 अक्टूबर को विश्व अर्थराइटिस दिवस मनाया जा रहा है। वही इस मौके पर जयप्रभा मेदांता हॉस्पिटल की तरफ से लोगों को अर्थराइटिस के प्रति जागरूक किया जा रहा है। वही इसी क्रम में मेदांता ने “हैल्थी जॉइंट क्लिनिक” और “स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक” का अनावरण किया गया है। हैल्थी जॉइंट क्लिनिक का उद्देश्य जोड़ों के दर्द से परेशान मरीजों को एक समुचित और सम्पूर्ण इलाज उपलब्ध कराना है। यह क्लिनिक हर मंगलवार और गुरुवार को दोपहर 03:00 से 05:00 बजे रखा गया है। स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक हर शुक्रवार दोपहर 03:00 से 05:00 बजे को होगा जिसमें विभिन्न प्रकार के स्पोर्ट्स इंजरी वाले मरीज जैसे लिगामेंट इंजरी, शोल्डर डिस्लोकेशन, एड़ी की मोच,टेनिस एल्बो, युवाओं में गठिया, पसलियों में चोट, पटेला डिसलोकेशन, मिनिस्कस टियर वाले मरीज स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ से परामर्श और इलाज करवा सकते हैं। गठिया प्रायः ओल्ड एज के लोगों में देखने को मिलता है। भारत में लगभग 80 फीसदी 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग गठिया की बीमारी से पीड़ित हैं। लेकिन कोरोना से युवा वर्ग में जोड़ों की दर्द संबंधित शिकायतें काफी बढ़ गई है। बीते 2 वर्षों में वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने लोगों के फिजिकल एक्टिविटी को कम किया है। जिस वजह से लोग जोड़ों की दर्द की तकलीफ से जूझ रहे हैं।

बीते 2 वर्षों में 40 वर्ष से कम उम्र के युवाओं में जोड़ों की दर्द की शिकायत 25 से 30 प्रतिशत बढ़ गई है। इनमें महिलाओं की संख्या लगभग 40 प्रतिशत है। वही इसी कड़ी में मेदांता पटना की हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि जोड़ों की दर्द और गठिया का प्रमुख कारण अनियमित दिनचर्या, असंतुलित भोजन और व्यायाम की कमी है। वही इस बीमारी में कोई दवा कारगर नहीं है सिर्फ परहेज और सतर्कता के माध्यम से ही इस बीमारी से राहत पाई जा सकती है। अगर किसी को जोड़ों की दर्द की शिकायत है तो बिना चिकित्सीय परामर्श के पेन किलर का सेवन न करें। अपनी लाइफ स्टाइल को सुधारें, वज्रासन जैसे कुछ योगा है उसे करें। सामान्य तौर पर बुजुर्ग भारतीय महिलाओं में गठिया की शिकायत अत्यधिक देखने को मिलती है जिसका प्रमुख कारण है अनियमित दिनचर्या। जिसमें महिलाओं के खाने पीने का कोई निश्चित समय नहीं होता और पौष्टिक भोजन पर महिलाएं ध्यान नहीं देती। प्रेगनेंसी के बाद महिलाओं को बेहतर प्रोटीन युक्त डाइट की आवश्यकता होती है और यदि यह नहीं मिलता है तो धीरे-धीरे आगे चलकर शरीर में गठिया और अन्य बीमारियां घर कर जाती हैं।

