परिसीमन के बहाने महिला आरक्षण बिल को अनिश्चित काल के लिए ठंडे बस्ते में डालने की साजिश : उमेश कुशवाहा
- महिला आरक्षण के आड़ में देश की आधी आबादी के साथ राजनीतिक छलावा कर रही है भाजपा : उमेश कुशवाहा
पटना। बिहार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने भाजपा पर महिला आरक्षण बिल के आड़ में देश की आधी आबादी के साथ राजनीतिक छलावा करने का गम्भीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जानबूझकर महिला आरक्षण बिल लागू करने की प्रक्रिया को पेंचीदा बना दिया है। भाजपा केवल महिलाओं की हितैसी बनने का दिखावा कर रही है, हकीकत में उसे महिलाओं के हितों की कोई चिंता नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि केंद्र सरकार जनगणना और परिसीमन के बाद महिला आरक्षण बिल को लागू करने की बात कह रही है, मगर सरकार यह नहीं बता रही है कि जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया कब तक शुरू की जाएगी। मोदी सरकार के रुख से स्पष्ट जाहिर हो रहा है कि जनगणना और परिसीमन के बहाने महिला आरक्षण बिल को अनिश्चित काल के लिए ठंडे बस्ते में रखने की साजिश है। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने पूछा कि महिला आरक्षण बिल में अतिपिछड़ा और पिछड़ा वर्ग के महिलाओं की हिस्सेदारी को निर्धारित क्यों नहीं किया गया है? यह सीधे तौर पर वंचित और शोषित वर्ग की महिलाओं का घोर अपमान है। जब बात देश की आधी आबादी को सम्मान देने की है तो उसमें मोदी सरकार द्वारा जातीय भेदभाव क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि भाजपा का अतिपिछड़ा-पिछड़ा विरोधी चेहरा फिर से देश की जनता के सामने बेनकाब हुआ है। प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि हमारी पार्टी महिला सशक्तिकरण को लेकर हमेशा से मुखर रही है। हम सिर्फ महिलाओं की बात नहीं करते बल्कि उनके हितों व अधिकारियों का समुचित संरक्षण भी करते हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में किस प्रतिबद्धता से काम किया जाता है उसका जीता जागता उदाहरण बिहार है। भाजपा अगर महिलाओं के हित में कुछ करना चाहती है तो उसे माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीख लेने की जरूरत है। माननीय मुख्यमंत्री विगत 18 वर्षों से राजनीतिक नफा-नुकसान को किनारे कर महिलाओं की बेहतरी के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। जिसका सकारात्मक परिणाम भी हम सबों के सामने हैं।