केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए लॉन्च किया यूपीएस कैलकुलेटर, पेंशन की गणना समेत मिलेगी कई सुविधाएं

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए एक अहम सुविधा की शुरुआत की है। अब सरकारी कर्मचारी अपनी पेंशन की संभावित राशि का अनुमान आसानी से लगा सकते हैं। इसके लिए वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय सेवा विभाग ने यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) कैलकुलेटर को लॉन्च किया है। इस डिजिटल टूल की मदद से कर्मचारी अपनी सेवा के अनुसार पेंशन योजना की उपयुक्तता को परख सकते हैं।
एनपीएस और यूपीएस दोनों के लिए उपयोगी
यह कैलकुलेटर न केवल नई यूनिफाइड पेंशन योजना के लिए बल्कि मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से जुड़े कर्मचारियों के लिए भी लाभकारी है। एनपीएस ट्रस्ट द्वारा तैयार किया गया यह कैलकुलेटर पेंशन की योजना चुनने में कर्मचारियों की सहायता करेगा और उन्हें आंकड़ों के आधार पर बेहतर निर्णय लेने की सुविधा देगा।
यूपीएस नियमों का विस्तार
यूनिफाइड पेंशन योजना से संबंधित नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो चुके हैं। इन नियमों के तहत केंद्र सरकार में कार्यरत एनपीएस कर्मचारियों को यूपीएस में शामिल होने का विकल्प मिलेगा। साथ ही, 1 अप्रैल 2025 या इसके बाद केंद्र सरकार की सेवाओं में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को भी इस योजना में नामांकित किया जाएगा।
पेंशन की निश्चित गारंटी
यूपीएस योजना के तहत सरकार ने कर्मचारियों को निश्चित पेंशन देने का वादा किया है। इसमें 25 वर्षों की न्यूनतम सेवा की शर्त पर रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। यह व्यवस्था कर्मचारियों को भविष्य की वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से लाई गई है।
परिवार को भी मिलेगा लाभ
यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सेवा के दौरान हो जाती है, तो उस स्थिति में उसके परिवार को उस कर्मचारी की पेंशन का 60 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। इससे यह सुनिश्चित होता है कि कर्मचारी की अनुपस्थिति में उसके परिवार को वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े।
न्यूनतम पेंशन और अन्य लाभ
यदि कोई कर्मचारी न्यूनतम 10 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होता है, तो उसे कम से कम 10,000 रुपये मासिक पेंशन की गारंटी दी गई है। इसके अतिरिक्त कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और एकमुश्त भुगतान की सुविधा भी मिलेगी जो उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी।
योगदान की संरचना
यूपीएस में कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा, जबकि केंद्र सरकार यानी नियोक्ता की ओर से 18.5 प्रतिशत योगदान किया जाएगा। यह योगदान पूरी तरह से पारदर्शी प्रणाली के तहत संचालित होगा, जिससे कर्मचारियों को समय पर लाभ प्राप्त हो सकेगा।
किन्हें नहीं मिलेगा यह लाभ
हालांकि, यह योजना उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी जो सेवा से हटाए जाते हैं, बर्खास्त किए जाते हैं या स्वेच्छा से इस्तीफा देते हैं। ऐसे मामलों में न तो यूनिफाइड पेंशन योजना का लाभ मिलेगा और न ही सुनिश्चित पेंशन भुगतान का विकल्प उपलब्ध रहेगा। केंद्र सरकार की यह पहल न केवल कर्मचारियों के लिए भविष्य की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि उन्हें अपनी पेंशन योजना के चुनाव में भी पारदर्शिता और सुविधा प्रदान करती है। यूनिफाइड पेंशन कैलकुलेटर जैसे डिजिटल टूल्स के जरिए कर्मचारी खुद ही अपनी पेंशन की योजना को समझकर बुद्धिमानी से फैसला ले सकते हैं। यह एक आधुनिक और सशक्त सरकारी पहल मानी जा रही है, जिससे लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

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