October 28, 2025

बक्सर में बेकाबू स्कूली बस ने मचाई तबाही: तीन गाड़ियों को रौंदा, छह लोग घायल, दो की हालत गंभीर

बक्सर। बक्सर शहर में सोमवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे ने अफरा-तफरी मचा दी। विश्वामित्र अस्पताल के पास गोलंबर के समीप एक स्कूली बस अचानक बेकाबू होकर सड़क पर खड़ी तीन गाड़ियों से जा टकराई। तेज रफ्तार में हुई इस टक्कर से कार, ऑटो और बाइक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि छह लोग घायल हो गए। इनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे के बाद सड़क पर कई मिनट तक अफरातफरी का माहौल बना रहा, वहीं स्थानीय लोगों ने प्रशासन और यातायात व्यवस्था पर जमकर नाराजगी जताई।
सुबह-सुबह मौत बनकर आई स्कूली बस
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा सुबह करीब 8 बजे हुआ, जब शहर में स्कूल और ऑफिस जाने वालों की वजह से सड़कों पर भारी जाम था। इस दौरान कैंब्रिज स्कूल की एक खाली बस तेज रफ्तार में गोलंबर की ओर से आ रही थी। बताया जाता है कि बस ड्राइवर ने अचानक वाहन पर से नियंत्रण खो दिया और वह सीधे जाम में फंसे वाहनों की ओर बढ़ गई। बस ने पहले एक कार को जोरदार टक्कर मारी, फिर ऑटो और बाइक को रौंदते हुए जाकर रुकी। धमाके जैसी आवाज के बाद लोग इधर-उधर भागने लगे। देखते ही देखते सड़क पर लोगों की भीड़ लग गई।
छह लोग घायल, दो की हालत गंभीर
हादसे में घायल हुए लोगों की पहचान मनोज शर्मा, हरेंद्र सिंह, गुड़िया देवी, एजाज अहमद, मनीषा सिंह, रौशन कुमार और पांच वर्षीय सुहानी कुमारी के रूप में हुई है। इनमें से मनोज शर्मा की दो उंगलियां कट गईं, जबकि रौशन कुमार गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों और राहगीरों ने सभी घायलों को नजदीकी विश्वामित्र अस्पताल और अन्य निजी क्लीनिकों में पहुंचाया। चिकित्सकों के अनुसार, दो लोगों की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
“बस इतनी तेज थी कि किसी को संभलने का मौका नहीं मिला”
मौके पर मौजूद एक दुकानदार ने बताया, “बस इतनी तेज गति से आई कि कोई समझ ही नहीं पाया कि क्या हो रहा है। ड्राइवर शायद ब्रेक लगाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन बस झटके से बेकाबू हो गई और सीधा जाम में फंसी गाड़ियों में जा घुसी। हादसे के बाद बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।” स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद बस चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस अब उसकी तलाश कर रही है।
आक्रोशित लोगों ने जताया विरोध
हादसे के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने कुछ देर के लिए सड़क जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना था कि स्कूली बसें और निजी वाहन अक्सर तेज रफ्तार में चलते हैं, लेकिन न तो स्कूल प्रबंधन और न ही प्रशासन इस पर कोई ध्यान देता है। समाजसेवी ओम जी यादव ने कहा, “बक्सर की सड़कें अब दुर्घटनाओं का अड्डा बन गई हैं। ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। हादसे के वक्त कोई विभागीय अधिकारी मौके पर नहीं था। प्रशासन अगर समय पर निगरानी रखता, तो यह हादसा नहीं होता।”
ट्रैफिक प्रभारी अनुपस्थित, लोग बोले – जवाबदेही तय होनी चाहिए
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, यातायात प्रभारी पिछले शनिवार से अवकाश पर हैं, जबकि शहर में लगातार जाम की स्थिति बनी हुई है। इस लापरवाही को लेकर आम लोगों में गहरा आक्रोश है। जिला पार्षद प्रतिनिधि रिंकू यादव ने कहा, “स्कूली बसों की मनमानी और प्रशासनिक सुस्ती मिलकर शहर की सड़कों को असुरक्षित बना रही हैं। हर दिन कोई न कोई दुर्घटना हो रही है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है। स्कूल प्रशासन अपनी गाड़ियों की स्पीड पर नियंत्रण नहीं रखता, न ही फिटनेस और ड्राइवर की जांच की जाती है।”
पुलिस पहुंची, भीड़ को किया शांत
घटना की जानकारी मिलते ही गोलंबर चेकपोस्ट प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति को संभाला और लोगों को शांत कराया। क्षतिग्रस्त वाहनों को क्रेन की मदद से हटाया गया और यातायात को बहाल किया गया। पुलिस ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त बस को जब्त कर लिया गया है और ड्राइवर की पहचान कर उसके खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाने की धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा।
लोगों ने उठाई सुरक्षा की मांग
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से सड़क सुरक्षा के लिए कई मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि बालू लदे ट्रकों पर रोक लगाई जाए, क्योंकि ये भी शहर के अंदर जाम और हादसों की बड़ी वजह बनते हैं। साथ ही स्कूली बसों की स्पीड मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने और लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की गई। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
बक्सर में बढ़ रहे सड़क हादसे, जिम्मेदारी कौन लेगा?
बक्सर में पिछले एक महीने में यह तीसरी बड़ी सड़क दुर्घटना है, जिसमें स्कूली बस या निजी वाहन शामिल रहा है। शहर के कई इलाकों — विशेषकर गोलंबर, स्टेशन रोड और जेल रोड — पर रोजाना जाम और तेज रफ्तार गाड़ियां दुर्घटनाओं को न्योता दे रही हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि शहर में न तो ट्रैफिक सिग्नल काम कर रहे हैं और न ही पुलिस की नियमित पेट्रोलिंग होती है। बच्चों को स्कूल भेजने वाले अभिभावक अब चिंतित हैं कि कहीं अगली बार उनका बच्चा किसी ऐसे हादसे का शिकार न बन जाए। कुल मिलाकर, बक्सर की यह घटना न केवल एक सड़क हादसा है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और ट्रैफिक व्यवस्था की बदहाली की दर्दनाक मिसाल भी है। जब तक नियमों का सख्ती से पालन नहीं होगा और जिम्मेदारी तय नहीं की जाएगी, तब तक शहर की सड़कें यूं ही खतरों का जाल बनी रहेंगी।

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