October 28, 2025

गया में अनियंत्रित हाईवा नाले में पलटी, ऑटो और तीन बाइकें चपेट में, युवक की दर्दनाक

गया। बिहार के गया जिले में गुरुवार की रात एक भयानक सड़क दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। कटारी हिल रोड पर सीमेंट से भरा एक तेज रफ्तार हाईवा अचानक अनियंत्रित होकर एक बड़े नाले में जा गिरा। इस हादसे में एक ऑटो और तीन बाइकें इसकी चपेट में आ गईं। हादसा इतना भयानक था कि आसपास के लोग डर के मारे कुछ समय तक घटनास्थल के पास नहीं जा सके। हादसे के बाद वहां अफरातफरी का माहौल बन गया और लोगों ने तुरंत राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया।
हादसे की भयावह तस्वीर
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सीमेंट से लदा यह हाईवा तेज गति से शहर की ओर आ रहा था। अचानक चालक का नियंत्रण बिगड़ गया और ट्रक सड़क किनारे बने गहरे नाले में पलट गया। नाले में गिरते समय यह ऑटो और तीन बाइकों को अपनी चपेट में ले गया। हादसे की आवाज इतनी जोरदार थी कि आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और अपनी ओर से बचाव कार्य शुरू किया। स्थानीय लोगों के अनुसार, हाईवा के नीचे कई लोग दबे हुए थे। तुरंत कुछ युवकों ने नाले में कूदकर दबे हुए लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन भारी वाहन के नीचे फंसे लोगों को निकालना बेहद मुश्किल था।
बचाव कार्य में जुटे स्थानीय लोग
घटना के कुछ ही मिनटों में हजारों की भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई। लोगों ने मशालें और मोबाइल की टॉर्च जलाकर बचाव कार्य शुरू किया। इस बीच दो जेसीबी मशीनें मौके पर मंगाई गईं, ताकि हाईवा को हटाया जा सके। तीन घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार देर रात हाईवा को नाले से हटाने में सफलता मिली। जैसे ही ट्रक हटाया गया, नीचे दबे लोगों को निकालना शुरू किया गया। रात करीब 11:30 बजे एक युवक को बाहर निकाला गया, जिसकी पहचान मोहम्मद फैजान के रूप में हुई। फैजान करीमगंज मोहल्ला का रहने वाला बताया गया। उसे गंभीर हालत में एंबुलेंस से अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि फैजान को वेंटिलेटर पर रखा गया है क्योंकि उसकी हालत बेहद नाजुक है।
एक की मौत, कई घायल
इस हादसे में अब तक एक युवक की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि चार से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों में ऑटो चालक और दो बाइक सवार शामिल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। देर रात तक कई घायल उपचाराधीन रहे। पुलिस ने मृतक की पहचान के लिए परिजनों को सूचना दी और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस और प्रशासन पर सवाल
घटना के बाद स्थानीय लोगों में पुलिस और प्रशासन के प्रति भारी नाराजगी देखने को मिली। लोगों ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही उन्होंने डायल 112 पर फोन किया, लेकिन वहां से केवल एक जवान मौके पर पहुंचा और थोड़ी देर बाद लौट गया। करीब एक घंटे बाद सिविल लाइन थाना की टीम वहां पहुंची। इस देरी के कारण बचाव कार्य में काफी बाधा आई। मौके पर मौजूद मोहम्मद कमरान नामक व्यक्ति ने बताया कि अगर पुलिस और प्रशासन तुरंत कार्रवाई करता तो शायद किसी की जान बचाई जा सकती थी। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण कई लोग घंटों तक मलबे के नीचे दबे रहे।
हादसे के कारणों पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों के अनुसार, कटारी हिल रोड पर लंबे समय से सड़क की स्थिति खराब है और भारी वाहनों की आवाजाही लगातार बढ़ रही है। सड़क किनारे सुरक्षा रेलिंग न होने के कारण इस तरह के हादसे आम हो गए हैं। लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन ने सड़क किनारे मजबूत सुरक्षा दीवार बनाई होती, तो शायद यह हादसा टल सकता था। इसके अलावा, इस क्षेत्र में रात के समय स्ट्रीट लाइट की कमी भी हादसे की एक बड़ी वजह मानी जा रही है। अंधेरे में ट्रक चालक सड़क का किनारा सही से नहीं देख पाया, जिससे वाहन नाले में पलट गया।
घटना के बाद माहौल
हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के इलाकों से लोग वहां पहुंचने लगे। कई युवाओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर नाले में उतरकर दबे लोगों को बाहर निकाला। मौके पर कुछ सामाजिक संगठनों के सदस्य भी पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। देर रात तक बचाव अभियान जारी रहा और प्रशासन की ओर से जेसीबी मशीनों की मदद से हाईवा को पूरी तरह हटाया गया। जैसे ही मलबा साफ हुआ, पुलिस ने क्षेत्र को घेराबंदी कर लिया और जांच शुरू की।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद जिला प्रशासन ने बताया कि हादसे की जांच की जा रही है। साथ ही, मृतक के परिजनों को मुआवजा देने और घायलों का इलाज निशुल्क कराने की घोषणा की गई है। प्रशासन ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सड़क किनारे सुरक्षात्मक व्यवस्था की जाएगी। गया में हुआ यह हादसा न केवल एक दर्दनाक घटना है बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का एक स्पष्ट उदाहरण भी है। हर साल सड़कों पर ऐसे हादसे इसलिए होते हैं क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था में खामियां बनी रहती हैं। भारी वाहनों की आवाजाही, सड़क किनारे रेलिंग का अभाव, और रात के समय रोशनी की कमी जैसे कारण बार-बार लोगों की जान ले रहे हैं। इस घटना से प्रशासन को सबक लेना चाहिए और तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह की त्रासदी का शिकार न हो।

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