दरभंगा में दो युवकों में की महिला से छेड़खानी की कोशिश, जबरन घर में घूसे, नशे में की अश्लील हरकत

दरभंगा। बिहार के दरभंगा जिले में महिला सुरक्षा को लेकर एक चिंताजनक मामला सामने आया है। जिले के एक गांव में रहने वाली महिला ने दो युवकों पर छेड़खानी, जबरन घर में घुसकर अश्लील हरकतें करने, अपहरण की कोशिश और धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने इस मामले में स्थानीय थाने में लिखित शिकायत दी है और न्याय की गुहार लगाई है। घटना ने समाज और प्रशासनिक व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
अश्लील मैसेज से शुरू हुआ उत्पीड़न
पीड़िता का आरोप है कि गांव के ही दो युवक, शिबली नोमानी और मोहम्मद रोजी शेख, कई दिनों से मोबाइल पर अश्लील मैसेज भेजकर उसे परेशान कर रहे थे। महिला ने जब इसका विरोध किया तो मामला और गंभीर हो गया। पीड़िता के अनुसार 11 जुलाई को दोनों युवक नशे की हालत में उसके घर में जबरन घुस आए और रेप की नीयत से अश्लील हरकतें कीं। पीड़िता ने किसी तरह से जान बचाकर भागने में सफलता पाई।
अकेली महिला को मिल रही धमकियां
पीड़िता ने बताया कि उसका पति नौकरी के सिलसिले में बाहर रहता है और वह अपनी दो साल की बच्ची के साथ अकेली रहती है। उसने कहा कि आरोपियों ने उसे शिकायत करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। महिला ने यह भी दावा किया है कि उसके पास आरोपियों से हुई फोन पर बातचीत की रिकॉर्डिंग है, जिसे वह जांच के लिए पुलिस को सौंप सकती है।
गांववालों का रवैया भी चिंताजनक
इस घटना के बाद पीड़िता ने गांव के लोगों को पूरी बात बताई और मदद की अपील की। रात में सभी ने साथ देने का भरोसा दिलाया, लेकिन सुबह होते ही गांव के लोगों का रवैया बदल गया। सभी ने समझौता करने की सलाह दी और खुलकर समर्थन देने से पीछे हट गए। यह सामाजिक डर और दबाव को दर्शाता है जो अक्सर पीड़ितों को न्याय के रास्ते से भटकाता है।
थाने में नहीं मिली त्वरित कार्रवाई
पीड़िता ने 12 जुलाई को संबंधित थाने में आवेदन दिया था, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। बाद में वह लहेरियासराय जाकर सीनियर एसपी को आवेदन देने पहुंची, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। हालांकि थाने में पहुंचने पर महिला को कहा गया कि यह मामला महिला थाना का है और वहां जाकर शिकायत करें। दिनभर थाने में बैठने के बावजूद प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। अंततः पत्रकारों के हस्तक्षेप के बाद 17 जुलाई को मामला दर्ज किया गया।
आरोपित की आपराधिक छवि
गांव के एक निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मुख्य आरोपी शिबली नोमानी एक आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ कई लड़कियों को परेशान करने के आरोप पहले भी सामने आ चुके हैं। उसने गांव की सरकारी और तालाब की जमीनों पर भी अवैध कब्जा कर रखा है। लेकिन अब तक कोई खुलकर उसके खिलाफ खड़ा नहीं हुआ था। यह पहली महिला है जिसने उसका विरोध किया है।
पुलिस की कार्रवाई और बयान
घटना के संदर्भ में संबंधित थानाध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी ने बताया कि आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि उचित कार्रवाई की जाएगी। यह घटना न केवल महिला सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा करती है, बल्कि ग्रामीण समाज में पीड़िता के प्रति संवेदनहीनता और प्रशासनिक उदासीनता की भी पोल खोलती है। महिला ने जिस साहस के साथ आरोपियों के खिलाफ आवाज उठाई है, वह प्रशंसनीय है, लेकिन उसे न्याय दिलाने के लिए समाज और कानून दोनों को सजग और उत्तरदायी होना पड़ेगा। यह मामला दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को न्याय की राह में कितनी बाधाओं का सामना करना पड़ता है। अब यह देखना होगा कि जांच और न्यायिक प्रक्रिया कितनी प्रभावशाली साबित होती है।
