पटना में जल्द खुलेंगे दो नए सीएनजी स्टेशन, प्रतिदिन 10 हजार वाहनों में डलेगी गैस

पटना। शहर में गाड़ियों में सीएनजी भरवाने के लिए होने वाली मारामारी से जल्द निजात मिलेगी। गेल द्वारा शहर में दो मदर स्टेशन का निर्माण कराया जाएगा। हर स्टेशन पर प्रतिदिन 5000 से अधिक वाहनों में गैस डालने की क्षमता होगी। यानी दो स्टेशन पर रोज़ करीब 10 हजार वाहनों में गैस डाली जा सकेगी। 200 प्रेशर क्षमता से सिंलेडर में गैस डाली जाएगी। अभी तक प्रेशर क्षमता 150-180 तक है। जुलाई तक गर्दनीबाग और बाइपास में एक-एक मदर स्टेशन का निर्माण हो जाएगा। इसके लिए गेल ने बीएसएनएल की जमीन चिह्नित की है। गेल और बीएसएनएल के बीच करार हो चुका है। फरवरी तक मदर स्टेशन निर्माण के लिए डीपीआर तैयार हाे जाएगी। मार्च तक निर्माण कार्य शुरू हाे जाएगा। गर्दनीबाग और बाइपास में एक-एक मदर स्टेशन होने से शहर के पूर्वी इलाके के सीएनजी स्टेशन पर गैस आपूर्ति आसानी से होगी। अभी बेली रोड छोड़कर अन्य जगहों के स्टेशन पर टैंकर से गैस पहुंचाई जा रही है। नौबतपुर से गैस लाई जाती है।
छह और स्टेशन खुलेंगे, सभी होंगे ऑनलाइन
शहर में सीएनजी वाहनों के साथ ही सीएनजी स्टेशनों की संख्या भी बढ़ रही है। सितंबर तक छह और स्टेशन चालू करने का लक्ष्य है। फुलवारीशरीफ, बाइपास स्थित मीठापुर, जीरोमाइल, बिक्रम, मनेर और टोल प्लाजा के पास एक-एक सीएनजी स्टेशन चालू होगा। इन स्टेशनों पर दो से आठ तक नोजल होंगें। इन स्टेशन पर पाइपलाइन से गैस पहुंचेगी। इसके लिए फुलवारी से पटना सिटी तक पाइपलाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके बाद पटना में 30 सीएनजी स्टेशन हो जाएंगे। पटना ग्रामीण और शहरी क्षेत्र मिलाकर अभी 22 सीएनजी स्टेशन हैं। अभी बेली रोड पर चार, दीघा में दो, कंकड़बाग में दो, दीदारगंज, मसौढ़ी, बिहटा, बख्तियारपुर, नौबतपुर और जीरोमाइल के पास एक-एक स्टेशन है। अधिकारियों के मुताबिक शहर में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सीएनजी वाहनों की संख्या में वृद्धि जारी रही तो मांग को पूरा करना एक चुनौती होगी। पटना में 25 हजार से अधिक सीएनजी वाहन हैं। इनमें कैब मिलाकर 5000 से अधिक सीएनजी कार और 150 बसें हैं।

About Post Author

You may have missed