October 28, 2025

मुजफ्फरपुर में दर्दनाक हादसा, बारिश के जलजमाव में डूबने से दो बच्चों की मौत

मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर जिले के मिठनपुरा थाना क्षेत्र के आदर्श नगर कॉलोनी में रविवार को भारी बारिश के बाद हुए जलजमाव ने दो मासूम बच्चों की जान ले ली। यह घटना न केवल इलाके में शोक का माहौल ले आई, बल्कि नगर निगम और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर गई है। बारिश के पानी के जमा होने से बनी जलकुंड जैसी जगह में खेलते-खेलते दो बच्चे डूब गए और उनकी मौत हो गई।
घटना कैसे हुई
स्थानीय लोगों के मुताबिक, मृतक आदर्श कुमार और राजा कुमार कॉलोनी में खेल रहे थे। खेल के दौरान वे पास के जलजमाव में गिरी हुई पतंग लेने के लिए वहां पहुंचे। पानी का गहरापन और फिसलन को वे समझ नहीं पाए और अचानक उसमें गिर गए। यह सब इतनी तेजी से हुआ कि आसपास मौजूद लोग तुरंत प्रतिक्रिया नहीं कर सके।
बचाव प्रयास और असफलता
घटना के समय पास में मौजूद एक स्थानीय लड़की ने पानी में कूदकर दोनों बच्चों को बचाने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। उसके बाद आसपास के मोहल्ले के लोग मदद के लिए आए। करीब एक घंटे तक लगातार प्रयास करते हुए लोगों ने बच्चों को जलजमाव से बाहर निकाला और तुरंत पास के निजी अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया। इस खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर फैल गई। मृतकों के परिवारजन रोते-बिलखते अस्पताल में मौजूद रहे।
प्रशासन और नगर निगम की आलोचना
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम की लापरवाही इस हादसे की बड़ी वजह है। उनका आरोप है कि यदि बारिश के बाद पानी की निकासी तुरंत की जाती, तो ऐसी स्थिति पैदा नहीं होती। साथ ही, अगर बचाव दल समय पर मौके पर पहुंच जाता, तो शायद दोनों बच्चों की जान बचाई जा सकती थी। लोगों ने यह भी बताया कि इलाके में जलजमाव कई दिनों से बना हुआ था और नगर निगम द्वारा कोई सक्रिय कदम नहीं उठाया गया। बच्चों के खेलने के लिए सुरक्षित वातावरण न बनाने पर भी आलोचना की गई।
पुलिस और प्रशासन का बयान
एएसपी टाउन सुरेश कुमार ने इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, परिजनों ने पोस्टमॉर्टम कराने से इंकार कर दिया है, जिससे जांच प्रक्रिया सीमित हो सकती है।
जलजमाव की समस्या
मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में बरसात के मौसम में जलजमाव एक गंभीर समस्या बन जाता है। नालियों की सफाई और पानी की निकासी में कमी के कारण बारिश का पानी सड़कों और खाली जगहों पर भर जाता है। न केवल यातायात प्रभावित होता है, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरनाक हो जाता है। इस बार भी कई इलाकों में बारिश के बाद पानी का जमाव बना रहा, जिसने स्थानीय निवासियों के जीवन को प्रभावित किया। कई जगहों पर जलजमाव इतना अधिक था कि लोगों को आवागमन में भारी कठिनाई झेलनी पड़ी।
हादसे का असर और सवाल
इस घटना ने नगर निगम और प्रशासन के कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब बारिश और जलजमाव की समस्या पहले से ज्ञात थी, तो क्यों नालियों की सफाई और पानी निकासी की पर्याप्त व्यवस्था समय रहते नहीं की गई? बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? दुर्घटना के बाद स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि नगर निगम जलजमाव की समस्या को प्राथमिकता से हल करे और बारिश के मौसम में बचाव दल को सक्रिय रखे। लोगों का कहना है कि बच्चों के खेलने के लिए सुरक्षित मैदान और पार्क विकसित करने की जरूरत है ताकि वे खुले में खेल सकें और ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
परिवारों का दुख और समाज की जिम्मेदारी
मृतक आदर्श और राजा के परिवार इस घटना से टूट चुके हैं। अपने बच्चों को खो देने का दर्द और अचानक हुए हादसे ने उन्हें गहरे सदमे में डाल दिया है। पूरा मोहल्ला शोक में डूबा हुआ है और लोग परिजनों को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं। यह हादसा समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि जलजमाव जैसी समस्याओं को हल करने में केवल प्रशासन ही नहीं, बल्कि स्थानीय समुदाय की भी जिम्मेदारी है। समय रहते कदम उठाकर और सतर्क रहकर कई दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। मुजफ्फरपुर में हुई यह घटना इस बात का सीधा सबूत है कि लापरवाही और तंत्र की कमजोरी किस तरह मासूम जानें ले सकती है। यह न केवल प्रशासनिक सुधार की मांग करता है, बल्कि लोगों के लिए चेतावनी भी है कि बरसात के मौसम में जलजमाव वाले स्थानों से दूर रहें और बच्चों को वहां जाने से रोकें। अब देखना यह है कि नगर निगम इस दर्दनाक हादसे से क्या सबक लेता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है।

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