बिहार में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी से लोग परेशान: अलर्ट जारी, 9 जिलों में तापमान 44 डिग्री के पार

  • राज्य में गर्मी ने 12 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा, पटना में 42 के पार पहुंचा पारा, औरंगाबाद सर्वाधिक गर्म

पटना। बिहार में भीषण गर्मी ने पिछले 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मंगलवार को औरंगाबाद का तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया, जबकि राज्य के नौ जिलों का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार, आने वाले दिनों में बिहार के कई हिस्सों में भीषण गर्मी जारी रहेगी। गया, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर और बक्सर में हीट वेव को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि नवादा, मधुबनी, सीतामढ़ी, दरभंगा और पूर्वी चंपारण में हॉट नाइट के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। पछुआ हवा की वजह से पटना और दक्षिण बिहार के जिलों में झुलसाने वाली गर्मी पड़ रही है। मंगलवार को बिहार का अधिकतम तापमान 12 साल के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए सबसे अधिक दर्ज किया गया। बक्सर में सीवियर हीट वेव के कारण हालात और भी खराब हो गए। पटना, गया, डेहरी, शेखपुरा, मुई, भोजपुर, वैशाली, औरंगाबाद, खगड़िया, नालंदा, अरवल, रोहतास और मुंगेर में लू जैसे हालात रहे। मंगलवार को तापमान के बढ़ने से लोग बेहाल रहे। रेमल तूफान के कारण बिहार के पूर्वी और तराई जिलों में पुरवा हवा चली, जिससे हल्की से मध्यम स्तर की बारिश भी हुई। पटना समेत बिहार के करीब 25 जिलों का अधिकतम तापमान 0.3 डिग्री से 8.6 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया। गया के अधिकतम तापमान में 8.6 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। पटना भीषण गर्मी की चपेट में है, जिससे लोग लगातार कूलर और एसी का उपयोग कर रहे हैं। इससे बिजली की खपत काफी बढ़ गई है। शाम 6 से रात 11 बजे तक का समय अब तक पीक आवर माना जाता था, लेकिन अब दिन में भी पीक आवर की तरह बिजली की खपत हो रही है। 26 मई को बिजली खपत का नया रिकॉर्ड बना था। भीषण गर्मी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को अलर्ट किया है। सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। किसानों को सुबह-सुबह खेती का काम निपटाने की सलाह दी गई है। तेज धूप में बच्चों को बाहर निकलने से रोकने और खुद भी भरपूर पानी पीकर और हल्के सूती कपड़े पहनकर ही बाहर निकलने की सलाह दी गई है। सिंथेटिक कपड़ों से लू लगने की संभावना बढ़ जाती है। लू या हीट स्ट्रोक से तेज बुखार हो सकता है, जो कभी-कभी 105 से 106 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच जाता है। ऐसे बुखार में पसीना नहीं आता और शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है। हीट स्ट्रोक होने पर तुरंत बच्चों के जरूरी कपड़े के अलावा बाकी कपड़े उतार दें और ठंडे पानी से बदन पोंछते रहें जब तक बुखार कम न हो जाए। बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर में ओआरएस का घोल पिलाते रहें। यदि बच्चा बेहोश हो, तो मुंह से कुछ भी न पिलाएं और मरीज को तुरंत नजदीकी डॉक्टर या अस्पताल ले जाएं।

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