October 28, 2025

पटना में दर्दनाक हादसा: अज्ञात वाहन ने ई-रिक्शा में मारी टक्कर, वार्ड पार्षद के भाई की मौत

पटना। राजधानी पटना के फतुहा थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक भीषण सड़क दुर्घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। यह हादसा पटना-बख्तियारपुर स्टेट हाईवे 106 पर फतुहा चौराहा के पास हुआ, जहां एक अज्ञात वाहन ने ई-रिक्शा को जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में ई-रिक्शा चालक और स्थानीय वार्ड पार्षद संजय कुमार उर्फ बिट्टू के भाई मनोज कुमार की दर्दनाक मौत हो गई। देर रात हुए इस हादसे ने न सिर्फ एक परिवार का सहारा छीन लिया, बल्कि इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी।
देर रात घर लौटते वक्त हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, मिर्जापुर नोहटा निवासी 50 वर्षीय मनोज कुमार शुक्रवार की रात किसी सवारी को छोड़ने के बाद अपने ई-रिक्शा से घर लौट रहे थे। जब वे फतुहा चौराहा पहुंचे और स्टेशन रोड की ओर मुड़ने लगे, तभी सामने से तेज रफ्तार में आ रहे एक अज्ञात भारी वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि ई-रिक्शा पूरी तरह से सड़क पर पलट गया। आसपास उस समय सन्नाटा था क्योंकि देर रात का समय था और सड़क लगभग खाली थी।
मौके से फरार हुआ वाहन चालक
हादसे के बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया। अंधेरा और सुनसान सड़क होने के कारण किसी ने वाहन की पहचान नहीं कर पाई। इस बीच मनोज कुमार गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर तड़पते रहे। उनके साथ मौजूद एक छोटा बच्चा, जो संयोग से बच गया, दौड़कर उनके घर पहुंचा और परिजनों को घटना की सूचना दी।
परिवार और पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल
सूचना मिलते ही फतुहा थाने की पुलिस टीम और परिजन तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने घायल मनोज कुमार को तुरंत फतुहा अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे की खबर जैसे ही फैली, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि मनोज कुमार बहुत ही सरल स्वभाव के व्यक्ति थे और अपने परिश्रम से परिवार का पालन-पोषण करते थे।
पुलिस ने शुरू की जांच
फतुहा थानाध्यक्ष सदानंद साह ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और आवश्यक कार्रवाई शुरू की गई। पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए पटना के एनएमसी अस्पताल भेजा गया है। उन्होंने कहा कि अज्ञात वाहन और चालक की पहचान के लिए जांच जारी है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि आरोपी वाहन का पता लगाया जा सके।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
मनोज कुमार अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। वे ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार की आजीविका चलाते थे। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और दो छोटी बेटियां हैं। उनका बेटा गौरव जोधपुर में रहकर काम करता है, जबकि दोनों बेटियां अभी पढ़ाई कर रही हैं। पिता की असमय मौत की खबर सुनकर गौरव जोधपुर से तुरंत घर के लिए रवाना हुआ। परिवार पर अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है और पूरे घर में मातम पसरा हुआ है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश और दुख
हादसे के बाद फतुहा और आसपास के क्षेत्रों में लोगों में गहरा दुख और आक्रोश है। लोगों का कहना है कि पटना-बख्तियारपुर स्टेट हाईवे पर भारी वाहनों की तेज रफ्तार के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। रात के समय इस मार्ग पर गश्ती और निगरानी की कमी होने से स्थिति और गंभीर हो जाती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस सड़क पर स्पीड लिमिट लागू की जाए और रात में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।
जिम्मेदारी बेटे गौरव के कंधों पर
मनोज कुमार की मौत के बाद अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके इकलौते बेटे गौरव पर आ गई है। पिता की मृत्यु से परिवार आर्थिक और मानसिक दोनों रूप से टूट गया है। रिश्तेदार और पड़ोसी लगातार घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन घर के माहौल में गहरा सन्नाटा छाया हुआ है। यह हादसा एक बार फिर बिहार में सड़क सुरक्षा की स्थिति पर सवाल खड़ा करता है। तेज रफ्तार, लापरवाही और निगरानी की कमी जैसी समस्याएं आए दिन मासूम जानें ले रही हैं। मनोज कुमार जैसे मेहनती और जिम्मेदार व्यक्ति की इस तरह सड़क पर मौत न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए चेतावनी भी है। प्रशासन के लिए यह आवश्यक है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि किसी और परिवार को इस तरह के दुख से न गुजरना पड़े।

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