यूट्यूब में अपने प्लेटफार्म से हटाया ट्रेडिंग पेज फीचर, 15 जुलाई से नई मोनेटाइजेशन पॉलिसी के साथ होगा लागू

नई दिल्ली। यूट्यूब, जो दुनियाभर में सबसे बड़ा वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म है, एक बार फिर अपने सिस्टम में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इस बार बदलाव न केवल क्रिएटर्स की कमाई को प्रभावित करेगा बल्कि उनकी वीडियो बनाने की रणनीति पर भी असर डाल सकता है। यूट्यूब ने जहां अपनी नई मोनेटाइजेशन पॉलिसी की घोषणा की है, वहीं अब उसने अपने वर्षों पुराने एक महत्वपूर्ण फीचर को बंद करने का फैसला लिया है, जो क्रिएटर्स के लिए काफी उपयोगी साबित होता था।
क्या है ट्रेडिंग पेज और क्यों था जरूरी
यूट्यूब का ट्रेडिंग पेज वह सेक्शन था जहां पर ट्रेंड में चल रहे वीडियो दिखाए जाते थे। यह फीचर 2015 में लॉन्च किया गया था और तब से यह क्रिएटर्स के लिए ट्रेंडिंग टॉपिक्स का विश्लेषण करने का प्रमुख जरिया बन गया था। इस पेज पर वायरल हो रहे वीडियो, न्यूज क्लिप, म्यूजिक वीडियो, मूवी ट्रेलर जैसे लोकप्रिय कंटेंट को हाइलाइट किया जाता था। इसके जरिए क्रिएटर्स को यह समझने में आसानी होती थी कि वर्तमान में कौन से विषय दर्शकों को अधिक आकर्षित कर रहे हैं। यही वजह थी कि ट्रेंडिंग पेज के आधार पर वीडियो बनाकर क्रिएटर्स ज्यादा व्यूज और इनकम प्राप्त करते थे। लेकिन अब यूट्यूब इस फीचर को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने जा रहा है, जिससे यह सुविधा अब क्रिएटर्स को उपलब्ध नहीं होगी।
क्रिएटर्स के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं
ट्रेडिंग पेज के हटने के बाद यूट्यूब क्रिएटर्स को ट्रेंड का विश्लेषण करने के लिए वैकल्पिक तरीका नहीं मिल पाएगा। इस वजह से क्रिएटर्स को यह पता लगाना मुश्किल हो जाएगा कि दर्शकों की रुचि किस प्रकार के कंटेंट में है। इससे उनकी वीडियो पर आने वाले व्यूज पर असर पड़ सकता है, जो उनकी कमाई में कमी ला सकता है। इस बदलाव के साथ ही यूट्यूब की नई मोनेटाइजेशन पॉलिसी भी 15 जुलाई से लागू हो रही है। पहले से ही मोनेटाइजेशन को लेकर कई शर्तें कड़ी कर दी गई हैं और अब इस फीचर के हटने से कई छोटे और मध्यम स्तर के क्रिएटर्स के लिए चुनौतियां और भी बढ़ सकती हैं।
क्या मिलेगा नया विकल्प
हालांकि यूट्यूब ने इस बदलाव के बाद क्रिएटर्स को पूरी तरह खाली हाथ नहीं छोड़ा है। कंपनी अब कैटेगरी-स्पेसिफिक ट्रेंडिंग चार्ट की सुविधा देने जा रही है। इसमें अलग-अलग श्रेणियों में ट्रेंड कर रहे वीडियो की लिस्ट दी जाएगी जैसे कि म्यूजिक, पॉडकास्ट, ट्रेलर और अन्य लोकप्रिय विषय। यह फीचर पारंपरिक ट्रेडिंग पेज से अलग होगा क्योंकि इसमें विषय आधारित विश्लेषण मिलेगा। इसके जरिए क्रिएटर्स को यह समझने में मदद मिल सकती है कि उनके संबंधित क्षेत्र में क्या ट्रेंड कर रहा है। यूट्यूब ने यह भी कहा है कि इस चार्ट को समय-समय पर अपडेट किया जाएगा और इसमें भविष्य में और भी प्रकार के कंटेंट को शामिल किया जा सकता है।
यूजर्स को मिलेगा पर्सनलाइज्ड सुझाव
जहां एक ओर यूट्यूब क्रिएटर्स के लिए ट्रेडिंग पेज को हटा रहा है, वहीं आम यूजर्स के लिए पर्सनलाइज्ड वीडियो सजेशन की सुविधा पहले की तरह जारी रहेगी। यानी यूजर्स को उनके व्यवहार और रुचि के आधार पर वीडियो देखने के सुझाव मिलते रहेंगे। यूट्यूब के इन नए बदलावों से साफ है कि प्लेटफॉर्म लगातार अपने फीचर्स और नीतियों में परिवर्तन कर रहा है ताकि वह आधुनिक ट्रेंड्स के साथ तालमेल बैठा सके। हालांकि, यह बदलाव क्रिएटर्स के लिए कुछ हद तक मुश्किलें भी खड़ी कर सकता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो ट्रेंडिंग टॉपिक के आधार पर कंटेंट बनाकर व्यूज हासिल करते थे। अब देखना होगा कि कैटेगरी-स्पेसिफिक ट्रेंडिंग चार्ट इस कमी को कितना भर पाता है और क्रिएटर्स इसे कितना प्रभावी मानते हैं।
