बक्सर में गंगा स्नान करने के दौरान तीन युवक डूबे; 2 को लोगों ने बचाया, एक की मौत
बक्सर। बिहार सरकार ने श्रावणी मेला को देखते हुए प्रशासन को सतर्क रहने के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम को घाटों पर तैनात रहने का निर्देश दिया है। इसी बीच बक्सर में प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। बक्सर में गंगा स्नान के दौरान रामरेखाघाट पर तीन दोस्त डूबने लगे। घाट पर मौजूद लोगों ने दो युवकों को तो बचा लिया पर तीसरे को बचाया नहीं जा सका। इस दौरान घरवाले प्रशासन से शव ढूंढने की गुहार लगाते रहे पर प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की गई। जानकारी के अनुसार, नगर थाना क्षेत्र के गजधरगंज निवासी सुभाष गुप्ता का 19 साल का बेटा धनजी गुप्ता अपने दो अन्य साथियों के उकसावे पर गंगा स्नान करने रामरेखाघाट गया था। बढ़ते जलस्तर के बीच अंदाज नहीं होने से तीनों डूबने लगे। घाट पर मौजूद लोगों ने तीनों को डूबते देख लिया। लोगों ने पानी में कूदकर किसी तरह दो साथियों को बचा लिया पर, धनजी को नहीं बचाया जा सका। स्थानीय लोगों ने नगर पुलिस से लेकर एसडीओ तक को फोन किया पर कोई घाट पर झांकने तक नहीं आया। इधर, युवक का शव निकालने के लिए घरवाले थाना से लेकर अधिकारियों तक दौड़ लगाते रह गए। अंत में मोहल्ले के ही एक अधेड़ व्यक्ति ने शव का पता लगाने के लिए सुबह जब पानी में गोता लगाया तो युवक का शव उसी स्थान पर झाड़ियों में फंसा मिल गया, जहां वह डूबा था। स्थानीय लोगों समेत घरवालों ने नगर थाना को तत्काल शव बरामद होने की सूचना दी, बावजूद करीब एक घंटे बाद नगर थाना की पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
घाट पर नहीं थे गोताखोर तैनात
स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रावणी मेला शुरू हो जाने के कारण प्रतिदिन हजारों लोग गंगा स्नान करने आ रहे हैं। इसके बावजूद इसके घाट पर गोताखोरों को तैनात नहीं किया गया है। इस संबंध में सदर एसडीओ ने बताया कि दरअसल, सरकार की ओर से निर्देश है कि अंधेरा होने के बाद रेस्क्यू आॅपरेशन नहीं किया जाएगा। जब उन्हें सूचना मिली तब तक अंधेरा हो चुका था और गोताखोर भी जाने के लिए तैयार नहीं हुए। सुबह होते ही मोटरबोट और गोताखोर भेज दिए गए थे और शव बरामद कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।