गौरीचक में भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को ले गए चोर, ग्रामीणों का हंगामा, सीसीटीवी से जांच में जुटी पुलिस

पटना। पटना जिले के गौरीचक थाना क्षेत्र के जैबर गांव से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति चोरी होने की घटना सामने आई है। सोमवार सुबह जैसे ही ग्रामीणों को इस बात की जानकारी मिली, पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया। यह मूर्ति गांव के रविदास टोला स्थित एक चबूतरे पर स्थापित थी और हर वर्ष यहां अंबेडकर जयंती पर श्रद्धांजलि सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे।
मूर्ति की ऐतिहासिक स्थापना
इस मूर्ति की स्थापना वर्ष 2007 में तत्कालीन बिहार विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के द्वारा दलित अधिकार मंच के माध्यम से करवाई गई थी। यह फाइबर की बनी हुई थी और लगभग 2 फीट ऊंची थी। यह मूर्ति न केवल एक धार्मिक या सामाजिक प्रतीक थी, बल्कि दलित समाज की गरिमा और सम्मान का प्रतीक भी मानी जाती थी। वर्षों से यह स्थल श्रद्धालुओं और स्थानीय समुदाय के लिए एक प्रेरणा स्थल बना हुआ था।
घटना से ग्रामीणों में भारी गुस्सा
रविवार रात की इस घटना के बाद सोमवार सुबह जैसे ही ग्रामीणों ने मूर्ति को गायब पाया, पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। जैबर गांव के रविदास टोला के लोगों ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने मूर्ति को चुपचाप चोरी कर लिया और बाद में कहीं फेंक दिया। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल चोरी नहीं बल्कि समाज विशेष की भावनाओं को आहत करने का कृत्य है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्थानीय प्रशासन की सक्रियता
घटना की जानकारी मिलते ही गौरीचक थाना प्रभारी अरुण कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और बताया कि पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके। उन्होंने ग्रामीणों से भी सहयोग की अपील की है और आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जताया दुख
लंका कछुआरा पंचायत के मुखिया लोहा सिंह ने मूर्ति चोरी की इस घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि यह घटना महादलित समाज के आत्मसम्मान पर चोट है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मूर्ति की जल्द से जल्द पुनः स्थापना कराई जाए और इस कृत्य में शामिल लोगों को कानून के तहत कड़ी सजा दी जाए।
सामाजिक सौहार्द पर खतरा
इस घटना से न केवल ग्रामीणों में आक्रोश है, बल्कि सामाजिक सौहार्द भी प्रभावित हुआ है। बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति का इस तरह चोरी हो जाना, खासकर दलित समुदाय के लिए गहरी पीड़ा का विषय है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही मूर्ति की पुनः स्थापना नहीं हुई और दोषियों को सजा नहीं मिली, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। गौरीचक के जैबर गांव में अंबेडकर की मूर्ति चोरी की यह घटना समाज में आपसी सद्भाव को चोट पहुंचाने वाला कृत्य है। प्रशासन को न केवल त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। महापुरुषों की मूर्तियां केवल सजावटी नहीं, बल्कि हमारे सामाजिक मूल्यों और अधिकारों की पहचान हैं, जिनकी सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है।

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