प्रदेश के कई जिलों में होगी झमाझम बारिश, 48 घंटे तक अलर्ट, पटना में वज्रपात की चेतावनी

पटना। बिहार में इस समय मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है। प्रदेश के कई जिलों में लगातार झमाझम बारिश हो रही है। उत्तर बिहार सबसे ज्यादा प्रभावित है, लेकिन दक्षिण बिहार भी इस दौर से अछूता नहीं है। राजधानी पटना में मंगलवार को सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे और शाम होते-होते तेज बारिश हुई। यही स्थिति समस्तीपुर, जहानाबाद, सीवान, किशनगंज, सुपौल और बेतिया जैसे जिलों में भी देखने को मिली। मौसम विभाग का कहना है कि यह महज शुरुआत है और अगले 48 घंटों तक कई जिलों में और भारी बारिश हो सकती है।
अलर्ट जारी, जिलों में खतरे की घंटी
मौसम विभाग ने पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सुपौल, अररिया और किशनगंज में रेड और येलो अलर्ट जारी किया है। इसका अर्थ है कि इन जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का खतरा अधिक है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। वहीं दक्षिण बिहार के 19 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है। इसका असर खेती-किसानी पर तो सकारात्मक हो सकता है, लेकिन लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित होने की आशंका भी है।
गंगा का बढ़ता जलस्तर और बाढ़ का खतरा
लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। बक्सर से लेकर पटना तक गंगा उफान पर है। इसके पीछे दो प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं—पहला, पहाड़ों में हो रही भारी बारिश और दूसरा प्रयागराज और वाराणसी से गंगा का पानी बिहार की ओर आना। इन परिस्थितियों ने एक बार फिर बिहार में बाढ़ का खतरा खड़ा कर दिया है। निचले और तटीय इलाकों के लोग पहले से ही सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोग बाढ़ की आशंका से घरों से सामान हटाकर ऊंचे स्थानों पर ले जाने की तैयारी करने लगे हैं।
बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी वाली हवाएं
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर एरिया बनने के कारण बिहार में लगातार नमी वाली हवाएं प्रवेश कर रही हैं। इसी वजह से अगले 72 घंटों तक रुक-रुककर बारिश होने का पूर्वानुमान है। इसका सबसे अधिक असर उत्तर बिहार और सीमावर्ती जिलों पर पड़ रहा है। वहीं, पटना और आसपास के जिलों में अगले 24 घंटों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है।
वज्रपात की चेतावनी और एहतियात
भारी बारिश के साथ-साथ वज्रपात का खतरा भी बना हुआ है। मौसम विभाग ने खासतौर पर खेतों और खुले इलाकों में काम कर रहे लोगों को चेतावनी दी है कि वे फिलहाल सुरक्षित स्थानों पर रहें। बिजली गिरने की घटनाएं अक्सर ग्रामीण इलाकों में अधिक होती हैं और इससे जान-माल का नुकसान होता है। इसीलिए विभाग ने सतर्कता बरतने और अलर्ट के दौरान बाहर निकलने से परहेज करने की सलाह दी है।
ग्रामीण इलाकों पर असर
लगातार बारिश ने ग्रामीण इलाकों में जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। खेतों में धान और अन्य खरीफ फसलें पानी से भरने लगी हैं। जहां यह किसानों के लिए लाभकारी है, वहीं निचले खेतों में जलजमाव की समस्या भी खड़ी हो सकती है। गांवों की कच्ची सड़कों और गलियों में कीचड़ और फिसलन बढ़ गई है, जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। कई जगहों पर छोटे पुलों और नालों पर पानी चढ़ने से संपर्क मार्ग भी बाधित हो सकते हैं।
शहरी क्षेत्रों में स्थिति
पटना सहित बड़े शहरों में बारिश ने जलजमाव की समस्या को और बढ़ा दिया है। मंगलवार की शाम हुई तेज बारिश के बाद कई मोहल्लों की सड़कों पर पानी भर गया। निगम की नालियों की सफाई अधूरी रहने के कारण स्थिति और खराब हो सकती है। अगर अगले दो दिनों तक लगातार बारिश होती रही तो शहर में यातायात व्यवस्था चरमराने का खतरा है।
बाढ़ प्रबंधन और प्रशासनिक तैयारी
गंगा और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। निचले इलाकों में बाढ़ प्रबंधन दल सक्रिय किए जा रहे हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। गांवों में माइकिंग कर लोगों को सतर्क किया जा रहा है और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है। बिहार में मानसून ने पूरी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। अगले 48 से 72 घंटे राज्य के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। भारी बारिश, वज्रपात और नदियों के बढ़ते जलस्तर से स्थिति गंभीर हो सकती है। ऐसे में लोगों को अलर्ट का पालन करते हुए सावधानी बरतनी होगी। मौसम विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। प्रशासनिक तैयारी और जनता की सतर्कता ही इस कठिन परिस्थिति से निपटने का सबसे बेहतर उपाय है।
